कर्नाटक

मुख्यमंत्री बोम्मई ने किया एलान, 'मुंबई-कर्नाटक' क्षेत्र का नाम बदल कर करेंगे 'कित्तूर कर्नाटक'

Deepa Sahu
1 Nov 2021 3:49 PM GMT
मुख्यमंत्री बोम्मई ने किया एलान, मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र का नाम बदल कर करेंगे कित्तूर कर्नाटक
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को एलान किया कि मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र का नाम बदलकर अब 'कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र' कर दिया जाएगा।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को एलान किया कि मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र का नाम बदलकर अब 'कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र' कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब अक्सर ही सीमा विवाद उठ रहे हैं तो पुराने नाम को चलाने का कोई मतलब नहीं है, इसलिए इस क्षेत्र का नाम बदलने का फैसला किया गया है। बोम्मई ने यह घोषणा 'कर्नाटक राज्योत्सव' के दौरान की, जो 65 साल पहले राज्य का गठन होने की स्मृति में मनाया जाता है।

हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र का भी बदला था नाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने हाल ही में हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र का नाम बदलकर कल्याण कर्नाटक कर दिया था। अब आने वाले कुछ दिनों में हम मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र का नाम बदलने जा रहे हैं। असल में बोम्मई महाराष्ट्र सरकार के कुछ नेताओं के दावों का जिक्र कर रहे थे जिनमें मराठी आबादी की पर्याप्त मौजूदगी का हवाला देते हुए बेलगावी जिले और कर्नाटक के कुछ सीमावर्ती इलाकों को महाराष्ट्र में शामिल करने की मांग की गई थी।
नाम बदलने के फैसले के पीछे का ये है कारण
बोम्मई ने कहा कि इस मामले को लेकर एक फैसला आगामी कैबिनेट की बैठक में किया जाएगा। उत्तर कर्नाटक में जिलों के समूह को कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र नाम देने के पीछे का कारण बताते हुए मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक का एकीकरण होने के बाद, सीमा विवादों की शुरुआत हुई थी और तब इन विवादों को सुलझा भी लिया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हम एक बार फिर इन सीमा विवादों को सिर उठाते हुए देख रहे हैं।
कोई भी हिस्सा विकास से अछूता नहीं रहने देंगे
उन्होंने सवाल उठाया कि जब इतनी घटनाएं हो रही हैं तो अब भी इसे मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र कहने का क्या मतलब है? उन्होंने कहा कि क्षेत्र में ये बदलाव 1956 में ही हो जाने चाहिए थे जब राज्य पुनर्गठन अधिनियम प्रभाव में आया था। मुख्यमंत्री बोम्मई ने आगे कहा कि हमारी सरकार इस शपथ के साथ प्रदेश में क्षेत्रीय असमानता को समाप्त करने की कोशिशें कर रही है कि हम राज्य के किसी भी हिस्से को विकास से अछूता नहीं रहने देंगे।
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