बेंगलुरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पीबी वराले मंगलवार को सुवाई के दौरान 'अनावश्यक चैंटिंग' में व्यस्त मेडिकल स्नातक छात्रों को कड़ी फटकार लगाई। सुनवाई के दौरान न्यायालय को बताया गया कि राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरजीयूएचएस) के मेडिकल स्नातक छात्र जो उच्च न्यायालय की कार्यवाही ऑनलाइन देख रहे थे, वे 'अनावश्यक चैटिंग' में लगे हुए थे।
यह घटना मंगलवार को उस वक्त हुई जब न्यायमूर्ति वराले ने कहा,"छात्रों को पूछताछ के दौरान शालीनता बनाए रखनी चाहिए।" मुख्य न्यायाधीश वराले की अध्यक्षता वाली खंडपीठ वर्ष 2022 में आयोजित एमबीबीएस डिग्री परीक्षा के मूल्यांकन के संबंध में आरजीयूएचएस द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी। कार्यवाही का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रसारण किया गया।
इसी बीच कुछ छात्र जूम एप के माध्यम से कार्यवाही देख रहे थे और बिना ऑडियो म्यूट किए बातचीत में लगे हुए थे। कोर्ट अधिकारी ने उन्हें ऑडियो म्यूट करने की चेतावनी दी, लेकिन छात्र 'चैटिंग' कर उन्हें परेशान करते रहे। कोर्ट के अधिकारी ने मामले की सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस में छात्रों द्वारा साझा किए गए संदेशों को मुख्य न्यायाधीश के संज्ञान में लाया।
उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए छात्रों की ओर से मौजूद वकीलों पर नाराजगी जताई। न्यायमूर्ति वराले ने कहा,"कार्यवाही देखते समय विनम्र रहें। छात्रों को अदालत के शिष्टाचार और व्यवहार करने के तरीके के बारे में सूचित किया जाना चाहिए। आपको कोर्ट में वैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए जैसा आपने कॉलेज में किया।" उन्होंने मौखिक रूप से छात्रों को सावधान रहने का भी सुझाव दिया।
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