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बेंगलुरू (आईएएनएस)| खनन कारोबारी से राजनेता बने जर्नादन रेड्डी को झटका देते हुए सीबीआई की एक अदालत ने मंगलवार को उनकी और उनकी पत्नी अरुणा लक्ष्मी की संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया, जब तक कि उनके खिलाफ आपराधिक मामलों का निपटारा नहीं हो जाता।
सीबीआई ने दंपति की 124 संपत्तियों को जब्त करने की मांग को लेकर अदालत में याचिका दायर की।
हालांकि, अदालत ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम के तहत केवल 77 संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति दी।
कर्नाटक में पूर्व भाजपा सरकार ने कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा फटकार लगाए जाने के बाद 12 जनवरी को संपत्तियों की जब्ती के लिए सहमति दी थी।
सीबीआई ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में जर्नादन रेड्डी से जुड़ी संपत्तियों को जब्त करने की अनुमति मांगी थी।
राज्य सरकार ने अनुमति नहीं दी तो सीबीआई ने याचिका दाखिल की थी।
जर्नादन रेड्डी ने कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक नई राजनीतिक पार्टी बनाई थी।
उन्होंने गंगावती से जीत हासिल की और उनकी पत्नी अरुणा ने बल्लारी सिटी सीट पर भाजपा को तीसरे स्थान पर धकेल दिया।
उनकी पार्टी ने हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र में भाजपा को नुकसान पहुंचाया। अभियान के दौरान, रेड्डी ने दावा किया कि वह अपनी संपत्तियों की जब्ती और आईटी छापे के बारे में ज्यादा परेशान नहीं होंगे।
उन्होंने आगे कहा था कि उनकी गिरफ्तारी के समय 1,200 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी, लेकिन वह उच्च न्यायालय में केस जीतने में कामयाब रहे।
जर्नादन रेड्डी ने यह भी कहा कि उनकी संपत्ति 1,200 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,000 करोड़ रुपये हो गई है।
--आईएएनएस
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