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नई दिल्ली (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने गुरुवार को कहा कि कावेरी विवाद के संबंध में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ बातचीत सार्थक रही।
इस संबंध में दोनों नेताओं की ओर से संयुक्त बयान दिया गया है। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कावेरी नदी जल बंटवारे पर केंद्रीय मंत्री शेखावत के साथ बैठक की। केंद्रीय मंत्री को राज्य की मौजूदा स्थिति के बारे में बताया।
केंद्रीय मंत्री की प्रतिक्रिया पॉजिटिव थी। मामला सुप्रीम कोर्ट में आने वाला है। हमें भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट कर्नाटक की याचिका स्वीकार करेगा और तमिलनाडु को पानी छोड़ने के कावेरी जल प्रबंधन समिति (सीडब्ल्यूएमसी) के निर्देश पर स्टे आदेश जारी करेगा।
सीएम ने आगे कहा कि इस संबंध में हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं और बाद में हम अन्य उपायों पर चर्चा करेंगे। हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है, यदि समय मिला तो हम उनसे भी मिलेंगे। हम संबंधित राज्यों से बातचीत करने की मांग करेंगे।
केंद्रीय मंत्री शेखावत को राज्य में फसलों, उद्योगों और पेयजल की सुरक्षा के लिए 106 टीएमसी पानी की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी गई। यह भी बताया गया है कि सभी चार जलाशयों में केवल 51 टीएमसी पानी उपलब्ध है।
हमने केंद्रीय मंत्री का ध्यान राज्य में अगस्त और सितंबर के महीनों के दौरान 123 वर्षों में सबसे कम वर्षा और पानी की आवक नहीं होने की ओर आकर्षित किया है। उन्हें विभिन्न संगठनों और किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन करने और तमिलनाडु को पानी छोड़ने के लिए पानी की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी दी गई।
हमारी कानूनी टीम सुप्रीम कोर्ट को संकट की स्थिति के बारे में समझाने की कोशिश कर रही है। राज्य के चार जलाशयों का प्रवाह 11 से घटकर 8 क्यूसेक हो गया है।
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