
कनाडा सरकार ने देश में भारतीय दूतावासों में खालिस्तान समर्थक तत्वों की प्रस्तावित रैली को 'अस्वीकार्य' बताया है, जिससे उसके वरिष्ठ दूतों की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा हो गई है। ट्विटर पर जारी एक बयान में कनाडा के विदेश मामलों के मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि कनाडा राजनयिकों की सुरक्षा के संबंध में वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को बहुत गंभीरता से लेता है। कनाडा कुछ के आलोक में भारतीय अधिकारियों के साथ निकट संपर्क में रहता है। 8 जुलाई को प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन के संबंध में प्रचार सामग्री ऑनलाइन प्रसारित हो रही है, जो अस्वीकार्य है।
इसी तरह का एक बयान राष्ट्रीय रक्षा मंत्री अनीता आनंद ने भी ट्वीट किया।
उन्होंने कहा कि 8 जुलाई को विरोध प्रदर्शन के लिए ऑनलाइन पोस्ट की गई सामग्री अस्वीकार्य है और वे कनाडाई लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। कनाडा इसमें विदेशी राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना जारी रखेगा। हम इस जिम्मेदारी को गंभीरता से लेते हैं।
कनाडा की विदेश मंत्री मिलानी जॉली का यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने कनाडा, ब्रिटेन तथा अमेरिका जैसे अपने साझेदार देशों को चरमपंथी खालिस्तानी विचारधारा को तवज्जो न देने के लिए कहा है क्योंकि यह उनके रिश्तों के लिए ‘‘सही नहीं’’ है। राजनयिकों की सुरक्षा के लिए कनाडा की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए जॉली ने वियना संधि के प्रति देश के अनुपालन का उल्लेख किया।
