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बेंगलुरु : कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ लोकसभा सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है। 1991 के लोकसभा चुनाव के बाद से भाजपा यहां अपराजेय रही है। राज्य के तटीय हिस्से में स्थित इस लोकसभा सीट में सबसे अधिक हिंदू तीर्थस्थल हैं।
भाजपा ने तीन बार के सांसद और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील को टिकट देने से इनकार कर दिया है। पार्टी के वफादार कार्यकर्ता, नए चेहरे और पूर्व सैनिक कैप्टन ब्रिजेश चौटा को टिकट आवंटित किया गया है।
कांग्रेस पार्टी ने मंगलुरु शहर के वकील आर पद्मराज को चुनावी मैदान में उतारा है। प्रभावशाली बंट समुदाय से आने वाले कैप्टन चौटा सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए थे और बाद में उन्होंने भाजपा के लिए काम किया।
कांग्रेस के पद्मराज बिलावा समुदाय से आते हैं, जो इस क्षेत्र में प्रभावशाली हैं। समाज के सभी वर्गों के बीच उनकी लोकप्रियता को देखते हुए कांग्रेस पार्टी विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर को इस सीट से मैदान में उतारना चाहती थी। हालांकि, यूटी खादर ने प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया, इसके बाद पार्टी को पद्मराज को मैदान में उतारना पड़ा।
कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि जीत की संभावना को देखते हुए पद्मराज को अन्य अल्पसंख्यक उम्मीदवारों पर तरजीह दी गई। कांग्रेस इस बार जीत हासिल करने के लिए जाति कार्ड भी खेल रही है।
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि कर्नाटक के अन्य हिस्सों के विपरीत, इस क्षेत्र में जाति की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है।
26 जुलाई 2022 को हिजाब विवाद के चरम पर भाजपा के युवा नेता प्रवीण कुमार नेत्तारू की हत्या ने इस क्षेत्र को हिलाकर रख दिया था।
नेत्तारू की पत्नी को पिछली भाजपा सरकार ने संविदा पर नियुक्त किया था, लेकिन फिर वर्तमान कांग्रेस सरकार ने उन्हें हटा दिया। विरोध के बाद कांग्रेस सरकार को उन्हें बहाल करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस क्षेत्र में भाजपा का व्यापक जनाधार है। यहां से मौजूदा सांसद कतील ने 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को 2.74 लाख वोटों से हराया था। यहां 2014 में वोटों का अंतर 1.43 लाख था। 2009 के लोकसभा चुनाव में पहली बार प्रवेश करने वाले कतील 40,420 वोटों के अंतर से चुने गए थे।
संसदीय क्षेत्र में बेलथांगडी, मूडबिद्री, मंगलुरु सिटी नॉर्थ, मंगलुरु सिटी साउथ, मंगलुरु, बंटवाल, पुतुरु और सुलिया विधानसभा क्षेत्र हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में दो सीटें कांग्रेस और बाकी सीटें भाजपा ने जीती थीं।
मंगलुरु सीट पर 1957 से 1989 तक कांग्रेस पार्टी का कब्जा था। अनुभवी कांग्रेस नेता जनार्दन पुजारी ने 1977, 1980, 1984 और 1989 के आम चुनावों में पार्टी के लिए सीट सुरक्षित रखी।
हालांकि, भाजपा के वी. धनंजय कुमार ने 1991 में भाजपा के लिए सीट जीती। वह 1996, 1998 और 1999 के लोकसभा चुनावों में विजयी हुए। 2004 के आम चुनाव में पूर्व सीएम डीवी सदानंद गौड़ा भाजपा से चुने गए थे।
इस क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां, लव जिहाद विवाद और मोरल पुलिसिंग के मामले देखे गए हैं। 19 नवंबर 2022 को हुए मंगलुरु विस्फोट मामले ने क्षेत्र में आतंक के नेटवर्क को उजागर किया। एनआईए की जांच में पता चला कि इस विस्फोट को आईएस ने अंजाम दिया था।
प्रेशर कुकर में रखा इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) उस समय फटा था, जब एक आरोपी मोहम्मद शारिक इसे मंगलुरु शहर में एक ऑटो-रिक्शा में ले जा रहा था। दक्षिण कन्नड़ जिले में एनआईए द्वारा आईएस के साथ कथित संबंधों के आरोप में दीप्ति मारला उर्फ मरियम की गिरफ्तारी ने 2022 में राज्य में लव जिहाद मामलों पर बहस छेड़ दी थी।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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