
Karnataka कर्नाटक : सीएम सिद्धारमैया ने कहा है कि बीजेपी और आरएसएस सामाजिक न्याय में विश्वास नहीं रखते हैं. वे इसके लिए प्रतिबद्ध भी नहीं हैं. मांड्या जिले के श्रीरंगपटना तालुक में तुबिनाकेरे हेलीपैड पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर हम सौ साल का इतिहास देखें तो उन्होंने हमेशा सामाजिक न्याय का विरोध किया है. नलवाडी कृष्णराज वोडेयार के मिलर आयोग से लेकर आज तक वे इसका विरोध करते आ रहे हैं. आरएसएस की शुरुआत 1925 में हुई थी और 2025 में इसके 100 साल हो जाएंगे. वे कभी आरक्षण के लिए सहमत नहीं हुए. राहुल गांधी दो साल से इस पर बहुत गंभीरता से जोर दे रहे हैं. कांग्रेस के घोषणापत्र में इसे शामिल करने के लिए वे ही जिम्मेदार हैं. एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र भी लिखा था. इतने संघर्ष और दबाव के बाद केंद्र सरकार ने कहा है कि वह जाति जनगणना कराएगी. लेकिन उसने कोई समय तय नहीं किया है. उसने कहा है कि जनगणना के दौरान ही जाति जनगणना कराई जाएगी. जाति जनगणना के साथ-साथ सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक सर्वेक्षण कराया जाए। संविधान में संशोधन कर आरक्षण की अधिकतम सीमा बढ़ाने की बात कही गई है।
