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कर्नाटक में रेप के आरोपी लिंगायत साधु शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू केस में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में पुलिस ने संत पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि चित्रदुर्ग मुरुघा मठ में रहने वाली नाबालिग लड़कियों का शारीरिक शोषण करने से पहले आरोपी उन्हें ड्रग्स देता था। पुलिस जांच में यह बात सामने आने के बाद इसके सबूत भी एकत्र किए हैं, जिनके दस्तावेज भी कोर्ट को दिए गए हैं।
26 अगस्त को लिंगायत स्वामी के खिलाफ पहला पोक्सो और अत्याचार का मामला दर्ज किया गया था। इसी तरह के प्रावधानों के तहत दूसरा मामला 13 अक्टूबर को दर्ज किया गया था। हाई ड्रामा के बाद आरोपी को 1 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। इस बीच, आरोपी चित्रदुर्ग मठ के प्रमुख के रूप में पद छोड़ने से इनकार कर रहा है।
कई बच्चियों को स्वामी के निजी कमरे की सफाई के बहाने कमर में भेजा जाता था। बच्चियों को रात 8 बजे के बाद ही स्वामी के निजी कमरे में भेजा जाता था। कमरे में आरोपी उन्हें चॉकलेट या ड्रग्स से भरा एक सेब देता था। इसे वह प्रसाद कहकर बच्चियों को खिलाता था। नशीले पदार्थ वाला कथित प्रसाद खाकर बच्चियां होश खो देती थीं, उसके बाद, स्वामी रातभर उन्हें अपने कमरे में रखता था और उनका शारीरिक शोषण करता था।
कई बच्चियां होश में आने के बाद उसे बगल में लेटा देखकर डर जाती थीं। तब आरोपी उन्हें धमकाता था। लड़कियों ने घटना के बारे में खुलासा करने पर उनके परिवार को खत्म करने की धमकी भी दी जाती थी। पुलिस ने कोर्ट में दायर 694 पन्नों की चार्जशीट में कहा है कि आरोपी अन्य आरोपियों को उसके पास लड़कियां भेजने का निर्देश देता था। अन्य आरोपी लड़कियों को स्वामी का आशीर्वाद लेने के लिए उसके कमरे में अकेले लड़कियों को भेजते थे। आरोप यह भी है कि बच्चियों को शायद यौन उत्तेजना के लिए भी दवाएं दी जाती थीं।
पुलिस ने चार्जशीट में दावा किया है कि स्वामी की नजर लड़कियों पर रहती थी। उसने लड़कियों को अपने पास बुलाने का रूटीन बना लिया था। वह पहले से तय रखता था कि किस खास दिन उसके पास कौन सी लड़की को भेजा जाए। इसी अनुसार पर अन्य आरोपियों को निर्देश देता था। उसके बाद उसी लड़की को अकेले स्वामी के कमरे में भेजा जाता था। आरोपी स्वामी बच्चियों के साथ न हैवानियत करता था। जब वह नहाने जाता था तो बच्चियों को बाथरूम में साथ ले जाता था। नहाते समय बच्चियों से अपने शरीर के आगे और पीछे की तरफ निचले भाग में साबुत लगाने और हाथों से प्राइवेट पार्ट साफ करने के लिए कहता था। इस दौरान वह बच्चियों का फिर शारीरिक शोषण करता था। इस दौरान मामले की दूसरी आरोपी, हॉस्टल वार्डन रश्मि निगरानी रखती थी और यह सुनिश्चित करती थी कि किसी को संदेह न हो।
शरणारू यौन उत्पीड़न करने के लिए लड़कियों को तलाशता था। खासकर गरीब परिवार के बच्चों को खोजा जाता था। उन्हें मठ में लेकर शरण के नाम पर रखता था। इस दौरान पीड़ित बच्चों के परिवार की आर्थिक मदद की जाती थी। मठ से मदद के चलते परिवार स्वामी को भगवान का दर्जा देते थे। पुलिस को आरोपी साधु के कई बुजुर्ग महिलाओं के साथ दुष्कर्म किए जाने की भी जानकारी मिली है। पीड़ितों में नाबालिग लड़की में से एक जो स्वामी के लिए खतरा मानी जा रही थी, उसे कथित तौर पर मार डाला गया था और इसे एक दुर्घटना का रूप दे दिया गया।
Admin4
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