कर्नाटक
बैंगलोर नगर पालिका ने की पालतू कुत्ते के लाइसेंस को अनिवार्य करने के लिए पूरी तैयारी
Deepa Sahu
9 Nov 2021 10:37 AM GMT
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ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) राज्य की राजधानी में पालतू कुत्तों के लाइसेंस और मालिकों के लिए पंजीकरण अनिवार्य करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
कर्नाटक। ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) राज्य की राजधानी में पालतू कुत्तों के लाइसेंस और मालिकों के लिए पंजीकरण अनिवार्य करने के लिए पूरी तरह तैयार है। सूत्रों ने बताया कि सरकार पालतू कुत्तों के पंजीकरण, लाइसेंस और पालतू जानवरों में माइक्रोचिप लगाने के संबंध में बीबीएमपी अधिनियम, 2020 के तहत नए दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार कर रही है।
नए कानून का मसौदा 15 दिनों में सार्वजनिक किया जाएगा। जनता 30 दिन में आपत्ति व सुझाव दर्ज करा सकती है। उसके बाद पालतू जानवरों के मालिकों के लिए नए दिशानिर्देश लागू किए जाएंगे। बेंगलुरु में लगभग 80,000 से अधिक पालतू कुत्ते हैं और 2017 से पालतू कुत्तों के लाइसेंस और पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस संबंध में प्रस्ताव 2014 में बनाया गया था। पांच साल बाद, सिलिकॉन सिटी की नागरिक एजेंसी बीबीएमपी अधिनियम-2020 को लागू करने के लिए अब पूरी तरह से तैयार है।
सूत्रों ने बताया कि शहरी विकास विभाग ने इस संबंध में हितधारकों से पांच बार राय ली है। मसौदा 15 दिनों में तैयार हो जाएगा। मसौदे पर आपत्तियों और सुझावों पर विचार करने के बाद 30 दिनों के बाद अधिनियम को लागू किया जाएगा।
नए अधिनियम में पालतू कुत्तों के लिए शुल्क, लाइसेंस, पालतू जानवरों को माइक्रोचिप लगाने, क्रूर नस्लों पर प्रतिबंध और वार्षिक नवीनीकरण भी शामिल होगा। अधिनियम के कार्यान्वयन के पहले वर्ष के दौरान, सभी पालतू जानवरों को पंजीकरण दिया जाएगा, हालांकि एक वर्ष के बाद, तीन पालतू जानवरों को स्वतंत्र घरों में और एक पालतू जानवर को अपार्टमेंट फ्लैट में अनुमति दी जाएगी। सूत्र के अनुसार पालतू जानवरों के मालिकों को यह प्रस्तुत करना होगा कि पालतू जानवरों द्वारा लोगों पर हमले के मामले में वे जिम्मेदारी लेंगे। महत्वपूर्ण बात यह है कि पालतू जानवरों के मालिकों को अपने पालतू जानवरों के मलमूत्र को सार्वजनिक स्थानों से साफ करना होगा। नया अधिनियम क्रूर जर्मन शेफर्ड, डोबर्मन, रोटवीलर, कुत्तों की हाउंड नस्ल के पालन पर प्रतिबंध लगाता है।
माइक्रो चिप में 11 अंक होंगे और इसमें मालिक, टीकाकरण, उम्र और नस्ल का विवरण होगा। यह पालतू जानवर के गले में डाला जाएगा और हमेशा उनके पास रहेगा। नए कानून के अनुसार पंजीकरण न कराने पर एक हजार रुपये जुर्माना, इसके अलावा पंजीकरण होने तक प्रतिदिन 300 रुपये वसूले जाएंगे।
सूत्रों ने कहा कि अगर पालतू पशु मालिक सार्वजनिक स्थानों पर मल की सफाई नहीं करते हैं तो 500 रुपये का जुमार्ना लगाया जाएगा और अगर ऐसा दोहराया गया तो 1,000 रुपये का जुमार्ना लगाया जाएगा। देशी नस्ल के कुत्तों और बचाए गए कुत्तों के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा, मालिकों को बीबीएमपी पशु चिकित्सकों से प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा।
--आईएएनएस
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