कर्नाटक : कर्नाटक की आगामी लड़ाई काफी अहम भी होने वाली है और तीखी भी। कांग्रेस और भाजपा दोनों अपने अपने वोटबैंक से बाहर निकलकर विस्तार की तैयारी में है। ऐसे में प्रदेश की राजनीति में सबसे प्रभावशाली लिंगायत वोटबैंक को सौ फीसद अपने पाले में बांधे रखने के लिए भाजपा ने आक्रामक तेवर अपनाया है।
भाजपा के ही लिंगायत नेता जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी जैसे नेताओं को अपने पाले में लाकर उत्साहित दिख रही कांग्रेस के सामने भाजपा ने इतिहास का पन्ना रख दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा के पुत्र और उत्तराधिकारी विजयेंद्र ने कांग्रेस से पूछा है कि उसे सदभावना है तो लिंगायत को दिए गए दो फीसद अतिरिक्त आरक्षण को वापस करने की बात क्यों कर रहे हैं। यह भी याद दिलाया है कि चुनावी माहौल में कांग्रेस ने ही वीरशैव और लिंगायत को बांटने की कोशिश की थी। विजयेंद्र ने कहा कि भाजपा ने हमेशा से लिंगायत के साथ साथ सभी वर्ग की चिंता की है और वह एकजुट भाजपा के ही साथ हैं।
दो दिन पहले ही शेट्टार कांग्रेस में शामिल हो गए और उन्हें शामिल करने के वक्त कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ साथ प्रदेश अध्यक्ष डी शिवकुमार, संभावित मुख्यमंत्री उम्मीदवार सिद्धरमैया जैसे नेता थे। यह संदेश देने की कोशिश थी कि कांग्रेस लिंगायत वर्ग के साथ है। कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची में भी तीन दर्जन ज्यादा लिंगायत हैं।