कर्नाटक
बेंगलुरु के आर्कबिशप ने 'धर्मांतरण विरोधी' विधेयक पेश करने के प्रस्ताव वापस लेने के लिए सीएम बसवराज बोम्मई से की अपील
Deepa Sahu
25 Oct 2021 2:28 PM GMT
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बेंगलुरु के आर्कबिशप पीटर मचाडो ने सोमवार को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (CM Basavaraj Bommai) से ‘धर्मांतरण विरोधी’ विधेयक पेश करने के प्रस्ताव को वापस लेने की अपील की.
बेंगलुरु के आर्कबिशप पीटर मचाडो ने सोमवार को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (CM Basavaraj Bommai) से 'धर्मांतरण विरोधी' विधेयक पेश करने के प्रस्ताव को वापस लेने की अपील की. उन्होंने आशंका जताई है कि यह राज्य में बदमाशों के लिए कानून को अपने हाथ में लेने और माहौल को खराब करने का एक उपकरण बन जाएगा.
इसी के साथ उन्होंने दावा किया है कि पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने प्रशासन और पुलिस इंटेलिजेंस को केवल ईसाई समुदाय के धार्मिक कर्मियों और पूजा स्थलों, संस्थानों और प्रतिष्ठानों का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है. उन्होंने अनुरोध किया कि कथित आदेशों को वापस लिया जाए.
अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों का होगा उल्लंघन
संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, इस तरह के कानूनों को पेश करने से नागरिकों, विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों का उल्लंघन होगा. इसके अलावा, धर्मांतरण विरोधी बिल फ्रिंज तत्वों के लिए कानून को अपने में लेने का एक उपकरण बन जाएगा.
यह इंगित करते हुए कि हजारों स्कूल, कॉलेज और अस्पताल ईसाई समुदाय द्वारा चलाए और प्रबंधित किए जाते हैं, जो हजारों लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करते हैं, उन्होंने सरकार से यह साबित करने के लिए कहा कि उनमें से एक को कभी भी प्रभावित, मजबूर या धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने कहा इसके बावजूद, अगर सरकार अभी भी 'धर्मांतरण विरोधी' विधेयक पेश करने पर आमादा है, तो हमें डर है कि यह केवल अवांछित तत्वों हाथों में पड़ जाएगा जो ईसाई समुदाय को निशाना बनाएंगे और हमारे चर्चों और संस्थानों पर हमला करेंगे. यह निश्चित रूप से सांप्रदायिक दंगों को लाने और समाज में शांति भंग करने के लिए है."
सीएम ने किया था कानून लाने ऐलान
मुख्यमंत्री बोम्मई ने हाल ही में कहा था कि सरकार राज्य में जबरदस्ती या प्रलोभन के जरिए धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून लाने पर गंभीरता से विचार कर रही है.
राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने पिछले महीने विधानसभा में कहा था कि सरकार धर्म परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए एक कानून बनाने पर विचार कर रही है, क्योंकि होसदुर्गा के एक सत्तारूढ़ भाजपा विधायक गूलीहट्टी शेखर ने कहा कि उनकी अपनी मां ने प्रलोभन का शिकार होकर ईसाई धर्म अपना लिया है.
उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में पहले से ही जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून हैं.
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