जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि, ‘‘हम मानते हैं कि कानून और संविधान पवित्र हैं और बजरंग दल PFI जैसे संगठनों या किसी अन्य द्वारा समुदायों के बीच दुश्मनी या नफरत को बढ़ावा देकर इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है, भले वह बहुसंख्यक समुदाय हो या अल्पसंख्यक। हम ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने सहित कानून के अनुसार निर्णायक कार्रवाई करेंगे।”
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इस बयान का पलटवार करते हुए, विहिप के महासचिव मिलिंद परांदे ने कहा, “यह बहुत ही अपमानजनक है कि कर्नाटक कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में पार्टी ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया है। उसके बाद राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में कांग्रेस और कुछ अन्य हिंदू-विरोधी नेताओं ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
कांग्रेस नेताओं को यह समझना चाहिए कि बजरंग दल पूरे देश में गौ रक्षा अभियान का काम कर रहा है। इसके अलावा वह सांस्कृतिक जागरण, कन्याओं के नि:शुल्क विवाह और अन्य सामाजिक कार्यों को कराने में लगा है। कांग्रेस और अन्य संगठनों तथा उनके कार्यकर्ताओं को ‘सद्बुद्धि’ प्रदान करने के लिए ‘बजरंग बली’ का आह्वान करने का कार्यक्रम तय किया गया है।”