एएमसी इंजीनियरिंग कॉलेज हॉस्टल टॉयलेट में एक इंजीनियरिंग के छात्र ने किया सुसाइड
बेंगलुरु: कर्नाटक के एएमसी इंजीनियरिंग कॉलेज (AMC Engineering College) के हॉस्टल के टॉयलेट के भीतर एक इंजीनियरिंग छात्र के गला रेत कर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है. मृतक छात्र की पहचान नितिन (19) के रूप में की गई है. नितिन केरल (Kerala) का रहने वाला था और दिसंबर माह की 1 तारीख को ही उसने सीईएस के फर्स्ट ईयर कोर्स में कॉलेज ज्वाइन किया था. यह कॉलेज बंग्लोर-बन्नेरघट्टा मेन रोड पर स्थित है. इस पूरे मामले की जानकारी बेंगलुरु (Bengaluru) के बन्नेरघट्टा पुलिस (Bannerghatta police) की ओर से दी गई है.
आत्महत्या क्यों करते हैं छात्र?
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने परीक्षणों के दौरान पाया कि जिन लोगों ने आत्महत्या के प्रयास किए उनके मस्तिष्क में एक खास प्रकार का रसायन ग्लूमेट पाया जाता है. ग्लूमेट एक प्रकार का अमीनो एसिड है जो तंत्रिका और कोशिकाओं के बीच संदेश भेजने का काम करता है. इसे डिप्रेशन के लिए जिम्मेदार माना जाता रहा है. जर्नल न्यूरोसायकोफार्मेकोलॉजी के ताजा अंक में प्रकाशित शोध के मुताबिक इस खोज से भविष्य में आत्महत्या की प्रवृति को रोकने में मदद मिलेगी.
छात्रों को आत्महत्या से रोकने के लिए क्या किया जाना चाहिए?
भारत मानसिक स्वास्थ्य पर पर्याप्त खर्च नहीं करता है. वर्तमान में, यह मानसिक स्वास्थ्य पर अपने स्वास्थ्य बजट का 0.06% खर्च करता है, जो बांग्लादेश से कम है (0.44%). 2011 विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश विकसित राष्ट्र अपने बजट के 4% से अधिक मानसिक स्वास्थ्य अनुसंधान, आधारभूत संरचना, ढांचे पर खर्च करते हैं.