कर्नाटक
कर्नाटक के सभी स्कूल-कॉलेज अगले तीन दिन के लिए बंद, सीएम का ऐलान
jantaserishta.com
8 Feb 2022 11:16 AM GMT
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नई दिल्ली: हिजाब विवाद के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने राज्य में अगले तीन दिनों के लिए सभी हाई स्कूल और कॉलेज बंद करने का आदेश दिया है।
हिजाब पर कर्नाटक में बवाल
कर्नाटक के सरकारी शिक्षण संस्थानों में छात्राओं के हिजाब (Karnataka Hijab Row) पहनने पर बैन का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। कर्नाटक हाई कोर्ट में मंगलवार (High Court Hearing on Hijab) को एक तरफ इस मामले पर सुनवाई हो रही थी तो दूसरी तरफ कई जगहों पर माहौल तनावपूर्ण था। कहीं स्टूडेंट्स के दो समूह आमने-सामने (Violent Protest over Hijab) नारेबाजी कर रहे थे तो कहीं पथराव, लाठी चार्ज भी देखने को मिला। शिमोगा में तो धारा 144 लगानी पड़ गई। इस बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने स्कूलों में हिजाब पहनने को इजाजत की मांग को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश करार दिया है। इसे गजवा-ए-हिंद के माइंडसेट से जोड़ दिया। हिजाब के विरोध में भगवा गमछे और स्कार्फ के साथ प्रदर्शन तो हो ही रहा था। अब हिजाब के समर्थन में नीले गमछे की भी एंट्री हो गई है। वहीं मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने सभी से शांति बनाए रखने और स्टूडेंट्स को पढ़ने देने की अपील की है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हिजाब विवाद को लेकर कर्नाटक के तमाम जिलों में हो रहे प्रदर्शन को देश के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा, 'देश के अंदर कुछ लोग देश के माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं। गजवा-ए-हिंद की मानसिकता वाले, जो इस्लामिक स्टेट की कल्पना लेकरके भारत के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना चाहते हैं। अगर स्कूलों में बच्चे नमाज पढ़ें, हिजाब पहने, कोई कहे कि हम हवन करेंगे, कोई कुछ और कहे तो ये समाज का माहौल बिगाड़ने की कोशिश है। ये भारत है। सर्वधर्म समभाव के आधार पर चलेगा। भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने की मानसिकता को हम पूरा नहीं होने देंगे। इसीलिए विपक्ष में कल कुछ लोगों ने इस तरह का प्रश्न उठाया। उनके मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे। भारत हमेशा भारत रहेगा, भारत पाकिस्तान नहीं बनेगा।'
भावनाओं नहीं, कानून के हिसाब से करेंगे फैसला: हाई कोर्ट
शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर जाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा कि हम भावनाओं नहीं, कानून के हिसाब से फैसला करेंगे। कोर्ट ने कहा, 'हम तर्क के आधार पर बढ़ेंगे, कानून के आधार पर बढ़ेंगे न कि भावनाओं के आधार पर। हम इस आधार पर चलेंगे कि संविधान क्या कहता है। हमारे लिए संविधान भागवद्गीता है।'
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