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भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने पालिका के विभिन्न विभागों को 37 दफ्तरों पर दो दिन तक चली जांच में एक हजार करोड़ रुपए से अधिक के भ्रष्टाचार का पता लगाया है
बेंगलूरु. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने पालिका के विभिन्न विभागों को 37 दफ्तरों पर दो दिन तक चली जांच में एक हजार करोड़ रुपए से अधिक के भ्रष्टाचार का पता लगाया है।
एसीबी के पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक और सहायक पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में लगभग 200 अधिकारियों ने राजस्व, स्वास्थ्य, इंजीनियरिंग, टीडीआर, कचरा निस्तारण, शिक्षा, सड़क एवं मूलभूत ढांचागत विकास समेत कई विभागों के दफ्तरों पर छापे मार कर कुछ दस्तावेज कब्जे में लिए हैं और आगे जांच की जा रही है। सबसे अधिक भ्रष्टाचार राजस्व विभाग में मिला है।
बताया गया है कि पालिका के अधिकारियों ने कई सालों से विदेशी कंपनियों, शॉपिंग मॉल, अपार्टमेंट्स और भवनों से संपत्ति कर नहीं लिया। जिससे कम से कम 500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। नियमों का उल्लंघन कर अधिकारी खुद कर तय कर मनमानी वसूली करवाते रहे। विदेशी कंपनियों, शापिंग मॉल, अपार्टमेंट्स बनाने अवैध रूप से भूमि अधिग्रहीत करने के लिए रिश्वत लेकर प्रमाणपत्र दिए। इससे सरकार को करोड़ों रुपए की चोट लगी।
एसीबी अधिकारियों ने इंजीनियंरिंग विभाग में दूसरे सबसे बड़े भ्रष्टाचार का पता लगाया। एक ही निर्माण कार्य के लिए कई बिल देकर राशि भुगतान की गई है। अधिकरियों ने निर्माण कार्यों की समीक्षा किए बिना और गुणवत्ता देखे बगैर भुगतान किया।
तीसरे बड़े भ्रष्टाचार का पता विकास अधिकारों का हस्तांतरण विभाग (टीडीआर) में हुआ है। एक ही भवन को दो-तीन बताकर अधिक कीमत तय की गई। अवैध रूप से अधिक विस्तार के टीडीआर दिए गए। इससे भी सरकार को करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ है। सड़क एवं मूलभूत ढांचागत विकास विभाग में भी भारी भ्रष्टाचार हुआ है।
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