कर्नाटक

हिजाब पर हाईकोर्ट में आज 9वीं सुनवाई: कर्नाटक HC जल्द करना चाहता है फैसला, एक्टर चेतन कुमार गिरफ्तार

Rani Sahu
23 Feb 2022 9:27 AM GMT
हिजाब पर हाईकोर्ट में आज 9वीं सुनवाई: कर्नाटक HC जल्द करना चाहता है फैसला, एक्टर चेतन कुमार गिरफ्तार
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हिजाब विवाद पर मंगलवार को भी सुनवाई बेनतीजा रही

हिजाब विवाद पर मंगलवार को भी सुनवाई बेनतीजा रही, हालांकि कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपना रुख साफ कर दिया है कि वह इसका निपटारा इसी हफ्ते करना चाहता है। कोर्ट ने दोनों पक्षों से सहयोग करने की अपील की है। हिजाब पर प्रतिबंध या छूट पर चल रही नौंवी सुनवाई आज होगी। इस मामले को CJI रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच के सामने रखा गया है।

दूसरी तरफ कर्नाटक पुलिस की सलाह के बावजूद हिजाब सुनवाई को लेकर भड़काऊ ट्वीट करने वाले एक्टर चेतन कुमार को अरेस्ट किया गया है।
हिजाब और जस्टिस कृष्णा दीक्षित पर ट्वीट के लिए एक्टर चेतन कुमार गिरफ्तार
हिजाब बैन मामले की सुनवाई कर रहे कर्नाटक हाईकोर्ट के जजों में से एक जस्टिस कृष्णा दीक्षित के बारे में ट्वीट करने पर एक्टर चेतन कुमार को बेंगलुरु पुलिस ने हिरासत में लिया है। सेंट्रल डिविजन के पुलिस उपायुक्त एमएन अनुचेथ के मुताबिक शेषाद्रिपुरम थाने में सुओमोटो के तहत FIR की गई है। कुमार की पत्नी मेघा ने मंगलवार को फेसबुक पर वीडियो पोस्ट कर चेतन को हिरासत में लेने का आरोप लगाया था।
कर्नाटक पुलिस ने हिजाब सुनवाई को लेकर जनता को भड़काऊ बयान नहीं देने की सलाह दी थी। पुलिस ने कुमार के 16 फरवरी के ट्वीट पर एक्शन लिया है जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट के जस्टिस दीक्षित पर सवाल उठाया है। चेतन ने ट्वीट में लिखा- यह एक ट्वीट है जिसे मैंने लगभग दो साल पहले कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के बारे में लिखा था। जस्टिस कृष्णा दीक्षित ने रेप के एक मामले में परेशान करने वाली टिप्पणी की थी। अब यही जज तय कर रहे हैं कि सरकारी स्कूलों में हिजाब स्वीकार्य है या नहीं। क्या वे इस बारे में कुछ कहेंगे?
चेतन ने जो फोटो शेयर किया है उसमें लिखा है- इस हफ्ते कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस कृष्णा ने रेप के आरोपी राकेश को अग्रिम जमानत दे दी है। जिसमें ये दावा किया गया था कि रेप के बाद सोना भारतीय महिलाओं के लिए अशोभनीय है; जब हमारी स्त्रियां बरबाद होती हैं तो उनकी ऐसी प्रतिक्रिया नहीं होती है।
मंगलवार की सुनवाई की अहम बातें
मंगलवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश हुए एडवोकेट जनरल प्रभुलिंग नवदगी ने कहा कि हिजाब के समर्थन में याचिका करने वालों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो महिला संगठनों का नेतृत्व करते हैं। ऐसे लोगों को महिलाओं की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। एडवोकेट जनरल प्रभुलिंग नवदगी ने सरकार की ओर से दलील देते हुए कहा कि आर्टिकल-19 के तहत हिजाब पहनने के अधिकार की स्वतंत्रता को आर्टिकल 19(2) के तहत प्रतिबंधित किया जा सकता है।
एटॉर्नी जनरल की दलील-हिजाब को पसंद पर छोड़ दिया जाए
याचिकाकर्ता का दावा पूरी तरह से मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहनने के लिए मजबूर करना है। यह संविधान के लोकाचार के खिलाफ है। यही वजह है कि इसे अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता, इसे महिलाओं की पसंद पर छोड़ देना चाहिए। AG ने अदालत को यह भी बताया कि स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। यह प्रतिबंध सिर्फ क्लास में और क्लास के घंटों के दौरान सभी धर्म के छात्रों पर लागू होता है।
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