कर्नाटक

प्रदेश में डूबने से हर साल 100 मौतें, जून से अगस्त तक ज्यादा हादसे

Gulabi Jagat
20 Jun 2023 9:31 AM GMT
प्रदेश में डूबने से हर साल 100 मौतें, जून से अगस्त तक ज्यादा हादसे
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कर्नाटक न्यूज
पालमपुर: कुल्लू में कर्नाटक से आई एक महिला प्र्यटक रविवार को पैर फिसलने से तीर्थन नदी में जा गिरी। उधर, कांगड़ा जिला में बाथू की लड़ी में नहाने उतरे दो युवक पौंग झील में डूब गए। प्रदेश में गर्मियों के मौसम व पर्यटक सीजन के दौरान ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। एक आंकड़े के अनुसार प्रदेश में सालाना नदी-नालों में डूब कर मरने वालों की संख्या औसतन 100 से अधिक है। जून से अगस्त तक का समय प्रदेश में टूरिस्ट सीजन का होता है और पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों का भी इन दिनों गर्मी से निजात पाने व नहाने के लिए नदी-नालों की तरफ रुख करना एक बड़ा कारण बन रहा है। नदी-नालों के मुहानों पर फोटो खिंचवाने के लिए लोग आगे तक चले जाते हैं और दुर्घटनावश गिर जाते हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार डूबने की सबसे अधिक घटनाएं जिला मंडी, कांगड़ा, सिरमौर, बिलासपुर, कुल्लू और ऊना में ही सामने आ रही हैं। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रदेश में डूबने की सबसे अधिक घटनाएं गर्मियों व मानसून के मौसम में ही सामने आती हैं। डूबने की घटनाओं में बालिगों की मौत का आंकड़ा नाबालिगों से अधिक है और इनमें भी 25 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की संख्या ज्यादा है। -एचडीएम
चेतावनी बोर्ड की अनदेखी पड़ रही भारी
प्रदेश में आठ जून, 2014 को एक बड़ा हादसा सामने आया था जब हैदराबाद के एक संस्थान से घूमने आए 24 छात्रों की ब्यास में डूबने से मौत हो गई थी। मंडी जिला के एक गांव में ब्यास में पानी के अचानक बढ़े जलस्तर में 18 छात्र व छह छात्राएं बह गए थे। इन हादसों के बावजूद लोग सबक नहीं ले रहे हैं। बोर्ड की अनदेखी कर लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं।
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