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बिहार | जयप्रकाश विश्वविद्यालय में चार वर्षीय स्नताक कोर्स पहले वर्ष में ही बेपटरी हो गया. राजभवन ने चार जुलाई से नए सत्र की कक्षाएं शुरू करने का निर्देश दिया था, लेकिन जेपीयू में तो अब तक नामांकन ही चल रहा है.
राजभवन ने 30 जून तक हर हाल में नामांकन प्रक्रिया पूरी कर लेने का निर्देश सभी विवि को दिया था. पहली मेधा सूची के आधार पर नामांकन की प्रक्रिया चल रही है. 31 जुलाई अंतिम तिथि है. हालांकि विवि प्रशासन ने 31 जुलाई से वर्ग संचालन का भी निर्देश दिया है. अभी दूसरी मेधा सूची आनी बाकी है. मालूम हो कि सूबे के दूसरे कई विश्वविद्यालयों में राजभवन के निर्देश के अनुसार चार जुलाई से कक्षाएं शुरू हैं. तिलकामांझी भागलपुर, मगध विवि और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में भी चार जुलाई से कक्षाएं शुरू हैं.
तीन साल की पढ़ाई यानी छह सेमेस्टर पूर्ण करने पर स्नातक की उपाधि पाठ्यक्रम में चार साल का पाठ्यक्रम या आठ सेमेस्टर पढ़ना अनिवार्य नहीं है.नई व्यवस्था के तहत सीबीसीएस लागू होने के बाद स्नातक का पाठ्यक्रम चार साल का हो गया. इसमें आठ सेमेस्टर होंगे. तीन साल की पढ़ाई यानी छह सेमेस्टर पूर्ण करने पर उन्हें स्नातक की उपाधि दे दी जाएगी. वैसे विद्यार्थी जो 7.5 या उससे अधिक सीजीपीए लाते हैं और चौथे साल की पढ़ाई के लिए इच्छुक होंगे, उनके लिए चतुर्थ वर्ष अर्थात आठ सेमेस्टर का विकल्प खुला रहेगा. चार वर्ष के पाठ्यक्रम के बाद आगे की पढ़ाई स्नातकोत्तर या शोध का विकल्प सीधे मिल जाएगा. वहीं, पीजी की दो साल की डिग्री चार वर्षीय स्नातक करने वाले विद्यार्थियों को एक साल में ही मिल जाएगी.
सीबीसीएस में स्नातक में थ्योरी के साथ ही प्रायोगिक कक्षाओं पर भी पूरा जोर दिया गया है. बाजार में रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए कोर्स में आवश्यक बदलाव किए गए हैं. वहीं, इंटर्नशिप को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है.
30 हजार में से 20 हजार ने ही लिया दाखिला जेपीयू में पहली मेधा सूची में करीब 28 हजार विद्यार्थियों के नाम थे. इनमें से करीब 20 हजार विद्यार्थियों ने ही नामांकन कराया है.जेपीयू में 36 हजार से अधिक सीटों पर दाखिला लिया जाना है.पहली मेधा सूची में कई विषयों में बहुत कम दाखिले हुए हैं. इतिहास विषय में सबसे अधिक दाखिले हुए हैं. को अंतिम तिथि होने की वजह से कॉलेजों में भीड़ बढ़ेगी. कैम्पस में चहल पहल रहेगी.
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