राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को अपने घर के लोगों ने ही साथ नहीं दिया है। बताया जा रहा है कि झारखंड में जमकर क्रॉस वोटिंग हुई है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी और देश के अगले राष्ट्रपति 25 जुलाई को शपथ लेंगे।
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को अपने गृहराज्य झारखंड से ही निराशा हाथ लगी है। ऐसे में लोग कह रहे हैं जब अपने घर के लोगों ने ही साथ नहीं दिया तो बाहरी क्या साथ देंगे। बताया जा रहा है कि झारखंड में एनडीए के अलावा जेएमएम, एनसीपी और निर्दलीय विधायकों ने भी मुर्मू के पक्ष में ही मतदान किया है। भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने दावा किया कि 75 से अधिक विधायकों के वोट द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में पड़े। बिरंची ने कहा कि 60 से अधिक विधायकों ने एनडीए उम्मीदवार और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया। कुछ नेताओं के अनुसार झारखंड में यशवंत सिन्हा को केवल 20 विधायकों का वोट मिला है।
एनसीपी-निर्दलीय विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में किया मतदान
निर्दलीय सरयू राय और अमित यादव के अलावा एनसीपी विधायक कमलेश सिंह ने भी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोटिंग किया। अपनी अंतरात्मा की आवाज पर द्रौपदी मुर्मू को वोट करने की बात कही है। झामुमो विधायकों ने पार्टी के ऐलान के मुताबिक द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में मतदान कर इसे गौरव का क्षण बताया। झामुमो के सभी 30 विधायकों ने उन्हें अपना वोट दिया।
यशवंत सिन्हा को केवल 20 विधायकों का साथ
वहीं यशवंत सिन्हा को कांग्रेस के 18 विधायकों के अलावा राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता और माले विधायक विनोद सिंह का ही साथ मिला।
पार्टी ने पहले की किया था निर्णय: हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मतदान के बाद कहा है कि झामुतो विधायक - सांसदों ने पार्टी के दिशानिर्देश के मुताबिक ही मतदान किया। वहीं जब मीडिया ने पूछा कि किसकी जीत होगी तो वह मुस्कुरा आगे बढ़ गए।