झारखंड
सरकारी स्कूलों में जेरॉक्स क्वेश्चन पेपर से हुई परीक्षा, छात्र हुए परेशान
Gulabi Jagat
13 Jun 2022 8:17 AM GMT
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राज्य के सभी सरकारी स्कूल में योग्यात्मक मूल्यांकन की परीक्षा चल रही हैं
गिरिडीहः राज्य के सभी सरकारी स्कूल में योग्यात्मक मूल्यांकन की परीक्षा चल रही हैं. स्कूलों में कक्षा 1 से सात तक के बच्चों की यह परीक्षा 6 जून से ली जा रही है. सुबह 8 बजे से 9:30 तक यह परीक्षा ली जानी है, लेकिन इस परीक्षा के दौरान लापरवाही देखनी को मिली है. सोमवार को ली जा रही परीक्षा का प्रश्नपत्र ही स्कूल को कम दिया गया. इससे स्कूल प्रबंधन को काफी फजीहत झेलनी पड़ी हैं. प्रधानाध्यापक और शिक्षक को प्रश्नपत्र की कॉपी निकालनी पड़ी और इस चक्कर में एक घंटे का समय गुजर गया. यह मामला गिरिडीह जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय महेशलुंडी का है.
निकाली गई छायाप्रतिः सभी विद्यार्थियों के को जब प्रश्नपत्र नहीं मिला लगा तो विद्यालय के प्रधानाध्यापक हेमंत और अन्य शिक्षक प्रश्नपत्र की छाया प्रति करवाने दुकान पहुंचे और यहीं पर सभी प्रश्नों की छाया प्रति निकलवाई. प्रधानाध्यापक ने बताया कि कक्षा 3, 4 और 5 का प्रश्नपत्र कम दिया गया. ऐसे में परेशानी हुई और परीक्षा एक घंटा विलंब से शुरू हुआ.
दूसरे विद्यालय के शिक्षक रहे परेशानः महेशलुंडी की तरह सदर प्रखंड के कोरनाटांड स्थित स्कूल के शिक्षक भी प्रश्नपत्र के लिए भटकते रहे. सुबह 9:30 में कोरनाटांड से शिक्षक कृष्णकांत गुहा 12 किमी दूर महेशलुंडी पहुंचे और यहां से हिंदी व सामाजिक विज्ञान का प्रश्नपत्र मांगा जिसकी छायाप्रति निकाल कर वे वापस लगभग 10:30 में अपने विद्यालय पहुंचे और परीक्षा ली जा सकी. उत्क्रमित मध्य विद्यालय बदगुंदा खुर्द की भी यही कहानी है. यहां तो प्रश्नपत्र पहुंचा ही नहीं. यहां के प्रधानाध्यापक जयदेव प्रसाद राय ने बताया कि व्हाट्सएप पर प्रश्नपत्र मंगवाकर फोटो कॉपी करवाया तब जाकर परीक्षा शुरू हो सकी.
कौन दे रहा हैं प्रश्नपत्रः यहां बताया गया कि विद्यालय तक प्रश्नपत्र पहुंचाने का काम बीआरसी के द्वारा संकुल साधनसेवी के माध्यम से किया जाता हैं. सोमवार को विद्यालय खुलते ही संकुल साधन सेवी ने प्रश्नपत्र दिया लेकिन प्रश्नपत्रों की संख्या कम थी.
पूरे मामले की हो जांच: शिवनाथः प्रश्नपत्र कम आने व परीक्षा के विलम्ब से आरम्भ होने की जानकारी जैसे ही महेशलुंडी के मुखिया शिवनाथ साव को मिली तो वे विद्यालय पहुंचे. यहीं पर संकुल साधनसेवी को बुलाया गया. साधनसेवी को मुखिया ने साफ कहा कि यदि प्रश्नपत्र कम था तो पहले व्यवस्था क्यूं नहीं की गई. उन्होंने कहा कि कई विद्यालयों से इस तरह की शिकायत मिल रही है. इसमें गड़बड़ी की संभावना है, शिक्षा विभाग पूरे मामले की जांच करे.
प्रखंड से मिले बंडल को ही सौंपाः इस पूरे मामले पर संकुल साधनसेवी रघुनंदन रजक का कहना था कि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है उन्हें जो बंडल प्रखंड संसाधन केंद्र से मिला था उसे ही उसने स्कूल को सौंपा हैं. अब बंडल के प्रश्नपत्र कम था तो उन्हें नहीं पता.
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