झारखंड

World Environment Day today: हजारीबाग जिले में हाथियों का आतंक बढ़ा, इंसान-हाथी संघर्ष में जा चुकी है कई जानें

Renuka Sahu
5 Jun 2024 4:34 AM GMT
World Environment Day today: हजारीबाग जिले में हाथियों का आतंक बढ़ा, इंसान-हाथी संघर्ष में जा चुकी है कई जानें
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हजारीबाग Hazaribagh : हजारीबाग जिले Hazaribagh district के टाटीझरिया, दारू, चुरचू, बरकडा, ईचाक, चलकुसा, गोरहर समेत आसपास क्षेत्र में इस समय हाथियों का आतंक मचा हुआ है. बीते 11 मई की रात को सरौनी गांव में बिजली तार के चपेट में आने से एक हाथी की मौत हो गई थी. इधर, दारू प्रखंड अंतर्गत कबिलासी पंचायत के ग्राम बलिया में हाथियों के झुंड ने गत 27 मई को पूर्व मुखिया के पति अशोक रविदास को कुचलकर मार डाला. हाथियों और मानव के बीच सालों से चल रहे संघर्ष में फिलहाल जान गंवाने का यह सबसे ताजा मामला है. हाथियों के झुंड ने तो लोगों का नुकसान पहुंचा ही रहे हैं वहीं झुंड से बिछडे एक हाथी ग्रामीणों को खासे परेशान कर रखा है. सोमवार शाम अमनारी निवासी जितेंद्र प्रजापति को झुंड से बिछडे हाथी ने अपने चपेट में ले लिया. जिसमें उसका दाहिना हाथ टूट गया है और वह चोटिल हुआ है.

वर्ष 2021 में 18 फरवरी को हाथियों के झुंड के चपेट में आने से टाटीझरिया के केसडा निवासी मोसमात सरस्वती पति स्व महादेव राम को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. वर्ष 2023 में 12 अगस्त को बेडमका जंगल Bedamka forest में हाथियों के चपेट में आने से झरपो निवासी रामेश्वर ठाकुर की मौत गई थी. इंसान और हाथी के संघर्ष में अब तक कई लोगों की जानें जा चुकी है. वहीं क्षेत्र के लोगों का लाखों का नुकसान पहुंच चुका है. हाल के दिनों में यह सबसे अधिक है. बढ़ती आबादी, फैलता सड़कों का जाल और सिकुड़ते जंगलों के कारण वर्तमान में सबसे बड़ा संकट वन्यजीवों के स्वच्छंद विचरण पर आ गया है. ऐसे में हाथियों के कॉरिडोर विलुप्त हो रहे है और हाथी आबादी क्षेत्र में आ रहे है. हजारीबाग जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जंगली हाथियों ने अपना रहवास क्षेत्र बना लिया है. लिहाजा इससे आए दिन हाथियों द्वारा लगातार ग्रामीणों को नुकसान पहुंच रहा है. हाथी को लेकर ग्रामीण काफी चिंतित है. तो वहीं वन विभाग के लिए हाथी सिरदर्द बने हुए है.


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