जिले में चार दिन बाद थोक खाद्यान्न कारोबार खुला, आलू-प्याज के दाम नहीं हुए कम
धनबाद न्यूज़: कृषि बिल के खिलाफ राज्यस्तरीय बेमियादी हड़ताल स्थगित होने के बाद जिले की थोक मंडियां गुलजार हुईं. मंडियां खुलते ही वहां खरीदार पहुंचने लगे और बाजार गुलजार हो गया. कारोबारियों की मानें, तो मंडियों में सामान्य दिनों की तरह कारोबार हुआ.
बता दें कि चार दिनों तक हड़ताल को लेकर बाजार समिति के साथ झरिया, कतरास, निरसा, चिरकुंडा, केंदुआ, करकेंद समेत सभी थोक मंडियां 15 फरवरी से बंद थीं. वहां से खाद्यान्न का कारोबार नहीं हो रहा था. इसके अलावा फल व आलू-प्याज के कारोबारी समेत खाद्यान्न के बड़े खुदरा कारोबारी भी हड़ताल में शामिल थे. हड़ताल के कारण बाजार बेहाल हो गया है. स्थिति इस कदर बिगड़ रही थी कि को आटा और मैदा की किल्लत शुरू हो गई थी. आलू-प्याज के दाम अचानक बढ़ गए. इस बीच की शाम हड़ताल स्थगित करने की घोषणा कर दी गई. बाजार समिति की थोक खाद्यान्न मंडी और थोक फल मंडी में सामान्य दिनों की तरह कारोबार हुआ है. बाजार खुलने के साथ खुदरा कारोबारियों का आना शुरू हो गया. हालांकि थोक मंडी में भीड़ कम रही. कारोबारियों की मानें, हड़ताल घोषणा सभी जगह कर दी गई थी. देर रात हुए फैसले के कारण सूचना सभी जगह नहीं भेजी जा सकी. इससे खुदरा व्यवसायी थोड़े असमंजस में रहे. से बाजार समिति में भीड़ लगने की संभावना है.
हड़ताल के स्थगित होने के साथ थोक कारोबारियों के खुदरा बाजार में आलू और प्याज की आपूर्ति शुरू कर दी गई. बावजूद दाम में कमी नहीं आयी. हड़ताल के पहले धनबाद के बाजार में सफेद आलू 10 रुपए किलो और लाल आलू 12 से 15 रुपए किलो मिल रहा था. हड़ताल के दौरान सफेद आलू 15 रुपए किलो और लाल आलू 20 रुपए किलो बेचा गया. हड़ताल स्थगित होने और बाजार में माल की आपूर्ति के बाद भी दाम कम नहीं हुए.
बाजार समिति में थोक कारोबार शुरू हो गया. और हड़ताल की पूर्व सूचना के कारण भीड़ सामान्य दिनों से थोड़ी कम रही. से बाजार में पूरे रौनक के साथ कारोबार होगा.
बिनोद गुप्ता, अध्यक्ष, बाजार समिति चैंबर