धनबाद न्यूज़: देश में बिजली की मांग बढ़ने से कोयला कंपनियों में कोयले के स्टॉक में कमी आई है. एक अप्रैल-2022 को कोल इंडिया के कुल कोयले का स्टॉक 60.82 मिलियन टन था. नौ माह बाद 31 दिसंबर-2022 को कोयले का स्टॉक घटकर 32.05 मिलियन टन हो गया.
कोयला उत्पादन में वृद्धि के बाद भी कोयले के स्टॉक में कमी आई है. इसकी वजह बिजली की मांग में वृद्धि है. बिजली की घरेलू और औद्योगिक मांग बढ़ी है. वहीं आयातित कोयले को घटा घरेलू कोयले की ज्यादा आपूर्ति पावर प्लांटों को की गई. यह जानकारी कोल इंडिया की ओर से नौ माह के प्रदर्शन पर जारी रिपोर्ट में दी गई है. नौ माह में कोयले के स्टॉक में 28.77 मिलियन टन की कमी आई है. वैसे कोल इंडिया के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जनवरी से मार्च-2023 में कोयले के स्टॉक में वृद्धि होगी. इन तीन महीनों में ज्यादा उत्पादन होता है और उत्पादन के मुकाबले डिस्पैच कम होता है.
अनुषंगी कंपनियों में कोयला स्टॉक की स्थिति (मिलियन टन में)
कंपनी 01.04.2022 31.12.2022
ईसीएल 2.64 1.36
बीसीसीएल 2.11 1.92
सीसीएल 7.52 2.39
एमसीएल 16.34 10.63
एसईसीएल 16.60 7.82
एनसीएल 7.16 4.01
डब्ल्यूसीएल 8.42 3.87
एनईसी 0.03 0.06
कुल 60.82 32.05
जनवरी-23 में 18.33 की बिजली उत्पादन वृद्धि
बिजली उत्पादन में जनवरी-2022 के मुकाबले जनवरी-2023 में 18.33 वृद्धि हुई है. इसमें कोयले से उत्पादित बिजली की वृद्धि का 17.79 है. जनवरी-22 में कोयले से 88,642 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ. वहीं जनवरी-23 में 1,04,407 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन हुआ है. कुल बिजली उत्पादन जनवरी-23 में 1,36,973 मिलियन यूनिट है, जिसमें कोयले का योगदान 76.22 प्रतिशत है.