
न्यूज़ क्रेडिट: न्यूज़18
बोकारो के एक निजी नर्सिंग होम पर गंभीर आरोप लगा है. थाने में दी गई शिकायत के मुताबिक, निजी नर्सिंग होम ने एक ही मरीज का एक ही बीमारी के लिए दो बार ऑपरेशन किया. इन ऑपरेशनों के बाद पेशेंट ठीक होने के बजाए इन्फेक्शन से जूझ रहा है. थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद अस्पताल प्रबंधक और डॉक्टर फरार हो गए हैं. इस स्थिति के बाद परिजनों ने देर रात निजी नर्सिंग होम में हंगामा किया है, जबकि बोकारो सिविल सर्जन ने जांच कर कार्रवाई की कही बात है.
यह मामला बोकारो के सेक्टर 12 थाना क्षेत्र के बियाडा स्थित रॉयल हॉस्पिटल का है. इस पर आरोप है कि अपेंडिक्स के इलाज के नाम पर यहां एक मरीज का दो-दो बार ऑपरेशन किया गया. लेकिन मरीज ठीक नहीं हुआ, उल्टा पेट के उस हिस्से में इन्फेक्शन हो गया, जहां दो-दो बार ऑपरेशन किया गया. इस मरीज का नाम गौतम साव है. वे प्राइवेट एंबुलेंस चलाते हैं.
गौतम साव के मुताबिक, पहले उन्हें पेट में दर्द हुआ. तब वे एक एजेंट के माध्यम से बियाडा स्थित इस निजी नर्सिंग होम में पहुंचे, जहां कम खर्च में इलाज करा देने की बात कही गई. डॉक्टरों ने जांच करके अपेंडिक्स बताया और इसे ठीक करने के लिए ऑपरेशन किया गया. गौतम के मुताबिक, ऑपरेशन वाली जगह से लगातार मवाद निकल रहा था. फिर भी डॉक्टरों ने घर जाने की सलाह दी. घर जाने के कुछ ही दिन के बाद फिर से दर्द शुरू हो गया और मवाद निकलना भी बंद नहीं हुआ. तब वे दोबारा उसी निजी नर्सिंग होम में पहुंचे. डॉक्टरों ने स्थिति देखने के बाद दोबारा ऑपरेशन करने की बात कही और इसके लिए 80 हजार रुपए मांगे.
गौतम के मुताबिक, किसी तरह से पैसे जुटाकर उन्होंने दोबारा ऑपरेशन कराया, लेकिन दर्द से छुटकारा नहीं मिला. जब इसकी शिकायत फिर निजी अस्पताल के प्रबंधक से की गई तो उसे हायर सेंटर जाने की सलाह दी. दूसरी जगह इलाज कराने पर पता चला कि मरीज के पेट में पूरी तरीके से इन्फेक्शन हो गया है और अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ ही नहीं है, जिसकी वजह से बार-बार पेट में दर्द हो रहा है. तब मरीज और उनके परिजनों ने थाने में मामला दर्ज कराया और अस्पताल में देर रात तक हंगामा किया. वहीं निजी नर्सिंग होम के संचालक सहित डॉक्टर फरार हो गए.
इस मामले में बोकारो के सिविल सर्जन अभय प्रसाद ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत अगर लाइसेंस नहीं लिया है तो मामला और भी गंभीर हो जाता है.