राज्य सरकार की रांची में गिरते जलस्तर को रोकने की क्या है योजना: झारखंड हाईकोर्ट
रांची: रांची में घटते जल स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने रांची नगर निगम और राज्य सरकार को यह बताने को कहा है कि जल स्तर को मेंटेन रखने के लिए क्या योजना बनायी गयी है। जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रौशन की अदालत ने हटिया, कांके और गेतलसूद डैम का ब्योरा भी मांगा है। अदालत ने यह बताने को कहा है कि इन तीनों डैमों में वर्तमान में कितना पानी है। इनका कैचमेंट एरिया अभी कितना है। पूर्व में कैचमेंट एरिया कितना था। अदालत ने सरकार को केंद्रीय भूगर्भ जल स्तर बोर्ड के साथ बैठक कर इस मामले पर विमर्श करने और झारखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर को सर्वे कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई तीन अप्रैल को होगी। स्वत संज्ञान लिए मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने यह निर्देश दिया।
रांची में जलसंकट पिछले कई सालों से गहराया: सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि रांची में पानी का संकट पिछले कई सालों से गहरा गया है। जल स्तर नीचे चले जाने से लोगों को पर्याप्त पीने का पानी नहीं मिल रहा है। सरकार और नगर निगम को इससे निपटने और जल स्तर को बरकरार रखने के लिए योजना बना कर काम करना चाहिए। अदालत ने कहा कि झारखंड का हाल भी कहीं बेंगलुरु जैसा न हो जाए, जैसा संकट अभी से ही वहां के लोग झेल रहे हैं।, ताकि भविष्य में झारखंड की जनता को जल संकट का सामना नहीं करना पड़े।
सरकार वाटर हार्वेस्टिंग किया जा रहा: सरकार की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि जल संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग किया जा रहा है। कैचमेंट एरिया को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि छह इंच की डीप बोरिंग के लिए उपायुक्त से अनुमति लेनी पड़ रही है। उपायुक्त की अनुमति के बाद ही डीप बोरिंग की इजाजत दी जा रही है। आम लोगों को चार ईंच की बोरिंग कराने की ही अनुमति है।
निगम ट्रीटमेंट प्लांट अक्तूबर तक शुरू होगा: रांची के बड़ा तालाब के मामले में रांची नगर निगम की ओर से बताया गया कि सफाई काम तेजी से जारी है। तालाब से कीचड़ निकाला जा रहा है। अक्तूबर माह तक ट्रीटमेंट प्लांट शुरू हो जाएगा। तालाब में जाने वाले नाले के पानी को ट्रीटमेंट करने के बाद ही छोड़ा जाएगा। इसके बाद अदालत ने सभी बिंदुओं पर सरकार और नगर निगम को शपथपत्र के माध्यम से रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।