झारखंड

200 फीट तक नहीं मिल रहा पानी, बढ़ेगा संकट

Admin Delhi 1
29 April 2023 12:43 PM GMT
200 फीट तक नहीं मिल रहा पानी, बढ़ेगा संकट
x

जमशेदपुर न्यूज़: भूमिगत जल के दोहन व जलस्त्रत्तेतों के अतिक्रमण के कारण भूजल स्तर लगातार गिर रहा है. कोल्हान में 20 वर्ष से जलस्तर में लगातार गिरावट आ रही है. कुछ प्रखंडों में पानी की किल्लत ज्यादा होती है. जमशेदपुर, जादूगोड़ा, कुचाई, चाईबासा, तांतनगर, मझगांव, नोवामुंडी सहित अन्य प्रखंडों में जलसंकट गहराता जा रहा है. इन इलाकों में औसत गहराई 100 से 200 फीट तक पानी मिलना मुश्किल हो गया है. ऐसे में लोग पानी के लिए परेशान रहते हैं. सेंट्रल ग्राउंड वाटर की 2022-23 की रिपोर्ट की मानें तो कोल्हान में हर साल डेढ़ फुट जलस्तर नीचे जा रहा है. वहीं 20 साल पहले औसतन 120 से 150 फीट में ही पानी मिल जाता था.

प्रत्येक वर्ष एक से डेढ़ फुट तक जलस्तर नीचे गिरने का मुख्य कारण बरसात के पानी का संचयन नहीं होना और जलस्त्रत्तेतों का खत्म होना बताया जाता है. भूगर्भ जल का लगातार दोहन किया जा रहा है. बरसात का पानी बहकर नदी नालों के सहारे बेकार बह जाता है. जितना पानी धरती से निकल रहा है, उतना रिचार्ज नहीं हो पा रहा है. भूगर्भ जल एक सीमा तक ही उपलब्ध है. लगातार उससे निकालने पर यह पूरी तरह खत्म हो जाएगा और ड्राई जोन में आ जाएगा. इसके अलावा बिना नियम कानून के लोग डीप बोरिंग कर रहे हैं. सरकार ने प्रत्येक इलाके में सीमा तय कर रखी है, लेकिन लोग अपनी मनमर्जी से 200 से 250 फुट तक गहरा कर पानी को मशीन से निकाल लेते हैं. ऐसे में भूगर्भ जलस्तर पर विपरीत असर पड़ रहा है. साथ ही शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी कंक्रीट का जाल बिछ रहा है. लोग जलस्रोतों का अतिक्रमण कर उसपर मकान बना रहे हैं. ऐसे में परेशानी तय है. भूगर्भ जलस्तर को बचाने के लिए बड़े-बड़े तालाब का निर्माण, नदी को अतिक्रमण मुक्त, रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य, शॉकपिट समेत अन्य काम करना अतिआवश्यक है, जिससे भूगर्भ जल स्तर को बेहतर किया जा सके.

रेन वाटर हार्वेस्टिंग हर घर में जरूरी: बरसात के पानी को संरक्षित करने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग हर घर में अनिवार्य करना जरूरी है, ताकि बारिश का पानी जमीन के अंदर जा सके. इसके बाद ही भूगर्भ जलस्तर बेहतर हो सकता है.

नदियों के पानी का करें इस्तेमाल मंसूर अली: जल प्रबंधन विशेषज्ञ मंसूर अली का कहना है कि भूमिगत जलदोहन करने के बजाय नदियों के जल का इस्तेमाल करना चाहिए. बरसात के पानी का संचय करना चाहिए. कोल्हान अतिरिक्त जल क्षेत्र की श्रेणी में आता है. यहां बरसात भी खूब होती है. बरसात में पानी का संचय करने की जरूरत है.

Next Story