झारखंड

आंदोलन की तैयारी में ग्रामीण, कहीं पूल बनी तो सड़क नहीं-कहीं ब्रिज है तो रोड नहीं

Gulabi Jagat
11 July 2022 6:05 AM GMT
आंदोलन की तैयारी में ग्रामीण, कहीं पूल बनी तो सड़क नहीं-कहीं ब्रिज है तो रोड नहीं
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खूंटीः विकास के नाम पर ठगे ग्रामीण सिस्टम पर सवाल उठाने लगे हैं लेकिन सिस्टम के पास कोई जवाब नहीं है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि जिला के मुरहू और कर्रा प्रखंड क्षेत्र में कुछ देखने को ही ऐसा मिला है. इलाके के विकास के लिए सड़क और पुल जरूरी है. लेकिन सिस्टम का खेल देखिए कि, कहीं पुल है तो उस तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं और कहीं सड़क है तो नदी पर पुल नहीं बनी है.
कर्रा प्रखंड के कुदलूम गांव के पास पुटपुटी नदी में बिना सड़क के ही पुल बना दिया गया है. 2015 में बने पुल को जोड़ने के लिए सड़क बनाने की दिशा में काम हो जाता है लेकिन कभी भी किसी ने ध्यान नहीं दिया. लोगों को रांची जाने आने में सहूलियत से इस कारण पुटपुटी नदी में आरईओ विभाग द्वारा पुल का निर्माण 2015 में किया गया. सड़क बनने के इंतजार में अब तो पुल भी जर्जर होने के कगार पर आ गया है.
पुटपुटी नदी में साइड पिलर मिलाकर कुल पांच स्पेन का पुल हैं. पुल बन तो गया पर लोगों को आने जाने के लिए सात साल बाद भी पक्की सड़क का निर्माण नहीं किया जा सका. यहां तक पहुंचने के लिए एक कच्ची सड़क भी नहीं बनायी गयी है. लोगों को खेत टांड़ में बनी पगडंडी में चलकर पुल पार करना पड़ता है. ग्रामीणों के मुताबिक बरसात के दिनों में तो पुल पार करना काफी मुश्किलों भरा है. इस पगडंडी में मिट्टी होने के कारण हमेशा स्लीप होता है, जूता चप्पल में मिट्टी में पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता हैं. लोगों ने कहा कि जब सड़क ही नहीं बनाना था तो इतने खर्च कर पुल बनाने का कोई मतलब नहीं रह जाता है. सड़क बन जाने से जलटंडा, दुनगांव, जुरदाग, सोनमेर एवं अन्य ग्राम के लोगों को रांची आने जाने में काफी सुविधा होगी दूरी भी कम हो जाएगी.
दूसरी तरफ मुरहू प्रखंड मुख्यालय से महज दो किमी की दूरी पर सुरुन्दा और मारंगटोली गांव में सड़क बन गया लेकिन पूल नहीं बना. जिसके कारण स्थानीय ग्रामीणों को नदी पार करना मुश्किल हो जाता है. बारिश के दिनों में जब नदी में पानी भर जाता है तो लोग हाथों में चप्पल लेकर बड़ी मुश्किल से बड़े बुजुर्ग व बच्चे नदी पार करते है. स्कूली बच्चे भी इसी नदी को पार करके स्कूल आना जाना करते हैं. ग्रामीणों का सिस्टम पर आक्रोश देखने को मिल रहा है. कर्रा और मुरहू के ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द ही सड़क एवं पूल बनवाई जाए ताकि आवागमन करने में आसानी हो. ग्रामीणों ने कहा कि सड़क और पूल की मांग को लेकर वो आंदोलन करेंगे.
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