राँची न्यूज़: निर्मला कॉलेज के इतिहास विभाग की सहायक प्राध्यापक व विभाग की अध्यक्ष डॉ अंजना सिंह की बर्खास्तगी के विरोध में निर्मला कॉलेज की छात्राओं ने विरोध-प्रदर्शन किया. यह पहला मौका था जब छात्राओं ने कॉलेज प्रबंधन के किसी निर्णय के खिलाफ इस तरह एकजुट होकर अपना विरोध जताया. डॉ अंजना सिंह को कॉलेज की शासी निकाय ने अनुशासनहीनता के आधार पर बीते तीन मार्च को बर्खास्त कर दिया. इसके विरोध में डॉ अंजना सिंह ने उच्च न्यायालय में रिट दायर कर दी है.
कॉलेज कैंपस में प्रदर्शन के दौरान छात्राएं डॉ अंजना सिंह को वापस लाओ का नारा लगा रही थीं. प्राचार्या व शिक्षिकाओं ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़ी रहीं. इसके कारण कक्षाओं का संचालन नहीं हो सका. हालांकि, कॉलेज प्रशासन का कहना था कि परीक्षा होने के कारण कक्षाएं स्थगित कर दी गईं.
आरोप मनगढ़ंत और निराधार डॉ अंजना
डॉ अंजना बोलीं, मनगढ़ंत कहानी को उनकी बर्खास्तगी का आधार बनाया गया. जिसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने कॉलेज में डेमो देने आईं शिक्षिकाओं को कॉलेज के खिलाफ भड़काया था, जो पूरी तरह निराधार है. बर्खास्तगी के पहले उनको शोकॉज नहीं मिला व न ही उन्हें चेतावनी ही दी गई. सीधा बर्खास्त कर दिया, जो नियमविरुद्ध है. उन्होंने कहा कि 7वें वेतनमान, बकाया एरियर, शिक्षकों की कमी का मुद्दा उठाने के कारण बदले की भावना के साथ उनपर यह कार्रवाई की गई.
चार बार नोटिस भेजा गया था प्राचार्या
कॉलेज की प्राचार्या डॉ सिस्टर ज्योति ने कहा कि डॉ अंजना को बर्खास्त करने से पहले चार बार नोटिस दिया गया था, जिसका उन्होंने जवाब नहीं दिया. जांच समिति भी गठित की गई थी. लेकिन उन्होंने कॉलेज प्रशासन को अपनी बात कहने की बजाय न्यायालय का रास्ता चुना. ऐसे में कॉलेज प्रशासन अब इस मामले में न्यायालय के निर्णय का इंतजार करेगा. उन्होंने कहा कि छात्राएं पूरे मुद्दे को नहीं जानती हैं, उन्हें विरोध के लिए उकसाया जा रहा है, जो सही नहीं है.