झारखंड

झारखंड में हेमंत अयोग्य हुए तो भी रहेगी यूपीए सरकार, 5 को विधानसभा में चल सकते हैं विश्वासमत का दांव

Renuka Sahu
2 Sep 2022 1:04 AM GMT
UPA government will remain in Jharkhand even if Hemant is disqualified, 5 may bet of trust vote in the assembly
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फाइल फोटो 

झारखंड में सियासी संकट के बीच पांच सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड में सियासी संकट के बीच पांच सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। इस एक दिन के सत्र में सरकार विश्वास प्रस्ताव पेश कर सकती है। बीजेपी भी रणनीति बनाने में जुट गई है।

राज्य में पिछले एक हफ्ते से जारी सियासी संशय के बीच झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र पांच सितंबर को आहूत किया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता को लेकर राजनीतिक ऊहापोह के बीच माना जा रहा है कि महागठबंधन सरकार इस दौरान विश्वास प्रस्ताव पेश कर सकती है।
इसके अलावा सदन में राज्य के वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम, हॉर्स ट्रेडिंग की आशंका के बीच सियासी घमासान, संवैधानिक संस्थाओं की भूमिका, स्थानीय नीति के साथ एससी, एसटी व ओबीसी का आरक्षण बढ़ाने जैसे विषयों पर चर्चा कराई जा सकती है। संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया से कहा कि विशेष सत्र के दौरान राज्य में जारी सियासी ऊहापोह की स्थिति के बीच सदन को विश्वास दिलाया जाएगा कि महागठबंधन एकजुट है और राज्य के विकास के लिए सरकार तेजी से काम कर रही है।
आलमगीर आलम ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान एक दिन पहले सदन की कार्यवाही के अवसान के निर्णय को कैबिनेट ने स्थगित कर दिया। अब पांच सितंबर को एक दिन का विशेष सत्र आहूत किया गया है। सरकार के फैसले के तहत 11 बजे से विशेष सत्र आयोजित होगा जो सिर्फ एक दिन का होगा। सरकार की ओर से सत्र के एजेंडे की स्पष्ट रूप से जानकारी सामने नहीं आई है। बताया जा रहा है कि विशेष नियम के तहत स्पीकर से आग्रह कर सत्र आहूत किया गया है।
हेमंत अयोग्य हुए तो भी रहेगी सरकार यूपीए
सियासी संकट के बीच गुरुवार को महागठबंधन का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला। राज्यपाल को 34 विधायकों के हस्ताक्षर के साथ सौंपे ज्ञापन में मांग की गई कि यदि हेमंत सोरेन की सदस्यता पर आयोग का मंतव्य आया है तो राजभवन जल्द स्थिति स्पष्ट करें। मुख्यमंत्री की अयोग्यता अगर सामने आती है तब भी सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि, झामुमो-कांग्रेस-राजद-निर्दलीय गठबंधन को राज्य विधानसभा में प्रचंड बहुमत है।
भाजपा भी अपनी रणनीति बनाने में जुटी
सरकार द्वारा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने के बाद भाजपा भी अपनी रणनीति बनाने में जुट गई है। विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक विरंची नारायण ने कहा कि सत्र में भाग लेने के बारे में कोई भी फैसला भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और संगठन मंत्री कर्मवीर के साथ चर्चा के बाद लिया जाएगा।
वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि झारखंड सरकार जनता की गाढ़ी कमाई उड़ा रही है। 2 करोड़ से अधिक खर्च कर जेट विमान की सेवा लेने का फैसला शर्मनाक है। भाजपा इस पर कड़ी आपत्ति जताती है। यहां बता दें कि राज्य में जारी सियासी संशय के बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के बीच लगातार सियासी बाण चल रहे हैं। दोनों पक्ष एक-दूसरे को घेरने के लिए लगातार आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
यूपीए विधायक अपने बूते रायपुर में रह रहे स्टीफन
छत्तीसगढ़ के रायपुर के मेफेयर गोल्फ रिसॉर्ट में गुरुवार की शाम झामुमो-कांग्रेस विधायकों ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस की। विधायकों ने कहा कि वे अपने बलबूते पर छत्तीसगढ़ में रह रहे हैं। झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि विधायक न छत्तीसगढ़ सरकार की खा रहे न झारखंड सरकार की। यहां हम अपने बूते रह रहे हैं।
राज्यपाल की मंजूरी के बिना विशेष नियम से बुलाया सत्र
सरकार ने जो विशेष सत्र बुलाया है, इसके लिए राज्यपाल से अनुमति नहीं ली गई है। यह विशेष नियम के तहत स्पीकर से आग्रह कर आहूत किया गया है। झारखंड विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली के नियम चार के परंतुक और नियम पंद्रह के तृतीय परंतुक के अनुसार जब तक राज्यपाल द्वारा सत्रावसान नहीं किया जाता तब तक सदन के नेता के परामर्श पर अध्यक्ष सत्र बुला सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार सरकार ने इसी नियम के तहत कैबिनेट की अनुशंसा पर सत्र के लिए स्पीकर को आग्रह किया है। बता दें कि गुरुवार को यूपीए का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला था। राज्यपाल ने इसे आयोग के मंतव्य पर जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है। समझा जा रहा है कि इसी के बाद सरकार वैकल्पिक तैयारी में जुट गई है। इसी कवायद के तहत विशेष सत्र बुलाया गया है ताकि सरकार सदन का विश्वास हासिल कर सके।
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