झारखंड

केंद्रीय कृषि मंत्री ने भाकृअनु केंद्र आईएआरआई गौरियाकरमा का दौरा किया

Renuka Sahu
2 March 2024 6:12 AM GMT
केंद्रीय कृषि मंत्री ने भाकृअनु केंद्र आईएआरआई गौरियाकरमा का दौरा किया
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केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने शनिवार को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गौरियाकरमा में कृषक गोष्ठी सह उद्घाटन समारोह में शामिल हुए।

हजारीबाग : केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने शनिवार को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), गौरियाकरमा में कृषक गोष्ठी सह उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को महानिदेशक व सचिव कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग डॉ हिमांशु पाठक व विशेष कार्य पदाधिकारी डॉ विशलनाथ ने प्रशासनिक भवन में बुके देकर स्वागत किया. जिसके बाद श्री मुंडा ने भाकृअनु केंद्र आईएआरआई गौरियाकरमा की विभिन्न सुविधाओं का दौरा किया. कार्यक्रम का संचालन शशि सिंह ने किया.

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने इन योजनाओं का किया उद्घाटन
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने विभाग के पदाधिकारियों के साथ गर्ल्स व बॉयज होस्टल का उद्घाटन किया. केंद्रीय मंत्री ने करीब 24 करोड की प्राक्कलित राशि से निर्माण हुए 175 छात्र की क्षमता वाले बॉयज होस्टल, 22 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण हुए 156 छात्राओं की क्षमता वाले गर्ल्स हॉस्टल व 11 करोड़ की लागत से 25 क्वार्टर का उद्घाटन किया. जिसके बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने विभाग के पदाधिकारियों के साथ पौधरोपण किया.
अतिथियों को स्मृतिचिन्ह व पगड़ी पहनाकर किया गया स्वागत
कृषक गोष्ठी में केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा, बरकट्ठा विधायक अमित यादव, महानिदेशक व सचिव कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग डॉ हिमांशु पाठक को बुके देकर पारंपरिक रूप से पगड़ी पहनाकर व स्मृतिचिन्ह भेंट कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई.
कृषक गोष्ठी में शामिल हुए कई मंत्री, सांसद व विधायकगण
कृषक गोष्ठी में आईसीएआर गौरियाकरमा परिसर में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आदिकाल से मनुष्य विभिन्न तरह के संसाधनों का उपयोग करके अपने पेट भरने का काम किया है, लेकिन आज चीज़ें बदल चुकी है. हमारे पास आज जमीन कम है, जनसंख्या लगातार बढ़ रही है और ऐसे में कृषि में अनुसंधान और विज्ञान की मदद से ही हम उत्पादकता को बढ़ा सकते हैं. विज्ञान और तकनीक को जोड़ते हुए परंपरागत तरीके से गुणवत्तापूर्ण खेती की आवश्यकता है. कृषि मंत्रालय नवाचार के साथ उन्नत कृषि के विकास के लिए काम कर रहा है. बीज के गुणवत्ता और बाजार को ध्यान में रखते हुए उत्पादन की आवश्यकता है. आत्मनिर्भरता के साथ कैसे काम कर सकते हैं, उसे भी ध्यान रखना होगा. श्री मुंडा ने कहा कि उन्नत किसान बनने के लिए कृषि के क्षेत्र में हो रहे नए प्रयोगों को जानना जरूरी है. उन्होंने कहा कि किसानों को बहु-फसली और जैविक खेती के बारे में अवश्य सोचना चाहिए. देश की प्रगति किसानों की प्रगति में निहित है. बदलते समय में खेती के नए तरीके सीखना किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा. उन्होंने कहा कि आज जरूरत अन्नदाताओं के साथ मिलकर नए भारत को गढ़ने का संकल्प लेने की है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत का निर्माण करते हुए 2047 तक हम गर्व से कह सकेंगे की हम खाद्यान्न उत्पन्न में पूरी तरीके से आत्मनिर्भर हैं.
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिश है कि हर राज्य खेती में आत्मनिर्भर बने तथा किसानों की आय बढ़े. किसानों को परंपरागत खेती के साथ तकनीक से जुड़े. गुणवत्ता व पोषणयुक्त उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रबंधन व गवर्नेंस के माध्यम से कोशिश की जा रही है. केंद्र सरकार राज्यों के माध्यम से कृषि व किसानों के विकास के लिए अनेक योजनाएं चला रही है. जिसका लाभ किसान उठा रहे है.
हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी सोच के चलते आज किसानों का उद्धार हो रहा है. 2014 से पहले किसानों के विषय में कोई भी बात नहीं करता था. ना ही उनके बारे में कोई सोचता था. पहले कृषि का बजट 25000 करोड़ हुआ करता था, लेकिन अब देश के प्रधानमंत्री ने इसे बढ़ाकर 5 गुना कर दिया है. पहले किसान फसल खराब होने के कारण आत्महत्या कर लेते थे लेकिन आज किसान आत्मनिर्भर बन रहे है. उन्होंने रेलवे, पतरातू थर्मल, आईसीएआर की भी उपलब्धि गिनाई.
आईएआरआई निदेशक डॉ एके सिंह व महानिदेशक व सचिव कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग डॉ हिमांशु पाठक ने कहा कि 2022-23 में संस्थान में बीएससी एग्रीकल्चर की भी शुरुआत हो गयी है. इस सत्र में 200 से अधिक छात्र शिक्षा ग्रहण करेंगे. कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी का इस संस्थान के खोलने का उद्देश्य था कि पूर्वी भारत मे हरित क्रांति लानी है. आज यहां से शिक्षा ग्रहण कर बच्चें अपनी सेवा देश के विभिन्न जगहों पर दे रहे है. कहा कि रासायनिक दवाओं से बचकर हरित क्रांति की दिशा में आगे बढ़ना है.
सम्मेलन में कृषि मंत्रालय के अधिकारियों और कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के सदस्यों के साथ आधुनिक खेती के तरीकों और नवाचारों के बारे में जानकारी साझा की. उन्होंने विभिन्न कृषि योजनाओं के बारे में भी जानकारी साझा की.
सम्मेलन में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सह कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी, हज़ारीबाग सांसद जयंत सिन्हा, बरकट्ठा विधायक अमित यादव, बरही के पूर्व विधायक मनोज यादव, महानिदेशक व सचिव कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग डॉ हिमांशु पाठक, निदेशक रांची आईसीएआर डॉ सुजय रक्षित, डॉ अभिजीत कर, डॉ निशा, आईएआरआई निदेशक डॉ एके सिंह, भारतीय कृषी अनुसंधान परिषद के सहायक महानिदेशक (बीज) डॉ डीके यादवा, विशेष कार्य पदाधिकारी डॉ विशालनाथ, डॉ प्रियरंजन, हजारीबाग ऊपरी भूमि धान अनुसंधान केंद्र अध्यक्ष डॉ एनपी मंडल मंच पर उपस्थित थे.
कार्यक्रम में यह रहे शामिल

कृषक गोष्ठी में भाजपा जिला अध्यक्ष विवेकानंद सिंह, भाजपा जिला उपाध्यक्ष रमेश ठाकुर, जिप उपाध्यक्ष किशुन यादव, भाजपा जिला महामंत्री सुनील साहू, सांसद प्रतिनिधि गणेश यादव, अर्जुन साव, कोडरमा पूर्व जिला अध्यक्ष रमेश सिंह, जिप सदस्या कुमकुम देवी, जिप सदस्या प्रीति कुमारी, अंबिका सिंह, अमित साव, संजीव कतरियार, विहिप जिला सह मंत्री गुरुदेव गुप्ता, केदारूत मुखिया प्रतिनिधि विशेश्वर यादव, पप्पू चंद्रवंशी, संतोष निषाद, जनजागरण केंद्र समन्वयक चितरंजन महतो, नंदकिशोर कुमार, नागेश्वर रजक सहित सैकड़ों किसान व लोग मौजूद रहे.


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