झारखंड

मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 50,000 रुपये से अधिक के लोन पर मुखिया, पंचायत सचिव, जनप्रतिनिधि और बिजनेस एस्सेट्स भी बनेंगे गारंटर

Renuka Sahu
24 Aug 2022 6:08 AM GMT
Under the Chief Ministers Employment Generation Scheme, the chief, panchayat secretary, public representatives and business assets will also become guarantors on loans of more than Rs 50,000.
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फाइल फोटो 

स्वरोजगार को लेकर हेमंत सोरेन सरकार द्वारा चलायी जा रही मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का सरलीकरण किया जाएगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। स्वरोजगार को लेकर हेमंत सोरेन सरकार द्वारा चलायी जा रही मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का सरलीकरण किया जाएगा. योजना के तहत 50,000 रुपये से ऊपर के लोन पर अब मुखिया, पंचायत सचिव, जनप्रतिनिधि और रिटायर सरकारी कर्मी भी गारंटर बन सकेंगे. अभी तक केवल सरकारी कर्मी, गजटेट ऑफिसर ही गारंटर बनते थे. बुधवार को होने वाले हेमंत सोरेन कैबिनेट में इस बाबत प्रस्ताव आ सकता है. योजना में एक अन्य सरलीकरण यह भी किया गया है कि लाभुक लोन लेकर जिस तरह के बिजनेस (एसेट्स) शुरू करेंगे, उसे भी गारंटर माना जायेगा. पढ़ें – बोकारो : विनोद बिहारी महतो स्टेडियम में लगी प्रतिमा को असामाजिक तत्वों ने किया क्षतिग्रस्त, प्रशासन ने करायी मरम्मत

कम ब्याज दर पर 25 लाख का लोन
बता दें कि मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के माध्यम से रोजगार की शुरुवात करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. 18 से 45 साल के युवा जो स्वयं का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, उन्हें कम ब्याज दर पर 25 लाख का लोन सरकार द्वारा दिया जाता है. सरकार 40 प्रतिशत सब्सिडी या 5 लाख रुपये भी योजना के तहत देती है. योजना का लाभ केवल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़े वर्ग के नागरिक एवं सखी मंडल की महिलाएं को मिलता है. 50,000 रुपये से नीचे तक के लोन में किसी तरह की गारंटर की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन 50,000 से 25 लाख रुपये तक में गारंटर बनना पड़ता है. इससे ग्रामीण इलाके के गरीब लोगों को लोन मिलने में काफी परेशानी होती थी.
50,000 शिक्षकों के नियुक्ति का भी खुल सकता है रास्ता
आज की कैबिनेट में राज्य सरकार 50,000 शिक्षकों के नियुक्ति का रास्ता भी खोल सकती है. इन शिक्षकों को सहायक आचार्य के नाम से जाना जायेगा. बीते दिनों स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बताया गया था कि सहायक आचार्य के लगभग 50,000 पदों के सृजन के प्रस्ताव पर प्रशासी पदवर्ग समिति की स्वीकृति मिल गई है. अब इस पर कैबिनेट की स्वीकृति ली जानी है.
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