![प्रॉपर्टी के दो कागज़ प्रॉपर्टी के दो कागज़](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/02/25/1517354-property-forgery.webp)
रांची के नामकुम अंचल स्थित एक एकड़ 60 डिसमिल रैयती जमीन को लूटने की तैयारी चल रही है. इसके लिए रिकॉर्ड रूम में संधारित ओरिजिनल दस्तावेज की नकल कर डीड का पेज वॉल्यूम और इंडेक्स तक तैयार कर लिया है. दलालों ने जो पेपर तैयार किये हैं, उसमें वली अहमद का नाम दर्ज है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि नामकुम अंचल के कोयंजारी मौजा के खाता संख्या 18 प्लाट संख्या 74 और 77 में वली अहमद के नाम से जिस भूमि का ऑनलाइन पंजी दिख रहा है. उसी भूमि का मूल दस्तावेज रिकॉर्ड रूम में किसी और व्यक्ति के नाम पर दर्ज है.
रिकॉर्ड रूम से निकाली गयी नकल को बनाया गया है आधार
जमीन कारोबारियों के बीच उक्त भूमि की डील के लिए जो पेपर दिए गए हैं, उसका पहला आधार बनाया गया है, रिकॉर्ड रूम से निकाली गयी नकल. जानकर बताते हैं कि दस्तावेज को टेम्पर करने का खेल यहीं से शुरू किया गया है. क्योंकि रजिस्ट्री ऑफिस के रिकॉर्ड रूम में जो मूल दस्तावेज मौजूद हैं, उसमें और उस दस्तावेज में काफी अंतर है, जिसे आधार बनाकर जमीन बेचने की तैयारी की जा रही है. दोनों ही दस्तावेज रिकॉर्ड रूम के वॉल्यूम 43, पेज नंबर 233-234 वर्ष 1947 के हैं. लेकिन रिकॉर्ड रूम में उक्त पेज वॉल्यूम में जो मूल दस्तावेज मौजूद हैं, उसमें महिंद्र नाथ सिंह के अलावा अन्य का नाम दर्ज है.
जबकि दूसरे दस्तावेज में भी वॉल्यूम 43 पेज नंबर 233-234 और वर्ष 1947 ही दर्ज है. लेकिन उसमें महादेव उरांव का नाम दर्ज दिखाया जा रहा है और उसकी बिक्री वली अहमद के नाम पर दिखाई जा रही है. जमीन के मामलों के जानकर वकील बताते हैं कि दोनों दस्तावेज देखने पर यह साफ प्रतीत होता है कि पेपर में छेड़छाड़ की गई है. जाली पेपर बनाने और जाली पेपर के आधार पर ज़मीन की खरीद बिक्री के इस खेल में पूरा रैकेट शामिल है. क्योंकि इतनी बड़ी साजिश को अकेले अंजाम नहीं दिया जा सकता. इस बार से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि रिकॉर्ड रूम और अंचल के कर्मचारी इस मिलीभगत में शामिल नहीं हैं.