जिन तालाबों में मछलीपालन करना था, उनमें ओबी भर रहा त्रिवेणी कंपनी
न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in
प्रवीण कुमार
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बड़कागांव के पंकरी बरवाडीह कोल परियोजना में एनटीपीसी के लिए कोयला खनन कर रही त्रिवेणी-सैनिक माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नियमों की अनदेखी कर बेरोकटोक कोयला खनन और ट्रांसपोर्टेशन कर रही है. जिम्मेवार चुप्पी साधे हुए हैं. डीसी-एसपी, वन विभाग से शिकायत करने के बावजूद सबने आंखें मूंद रखी हैं. अवैध ढंग से नाले की करीब 100 एकड़ भूमि को खोद डाला गया. किसी ने रोका-टोका तक नहीं. त्रिवेणी-सैनिक माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड जिस एनटीपीसी के लिए कोयला खनन और परिवहन कर रही है, उसके अफसर चुप हैं. जिला-पुलिस प्रशासन के अफसर भी चुप हैं. नतीजाः त्रिवेणी-सैनिक माइनिंग कंपनी की मनमानी बढ़ती ही जा रही है. अवैध खनन के बाद अब कंपनी ओवर बर्डन भी उन तालाबों में भर रही है, जिसे मत्स्य विभाग ने मछलीपालन के लिए स्थानीय ग्रामीणों के नाम पर बंदोबस्त किया है. जिन ग्रामीणों के नाम मछलीपालन के लिए तालाबों की बंदोबस्ती की गयी है, जब वे तालाब में मछली का जीरा (बीज) डालने गए, तो देखा कि वहां ओवर बर्डन (कोयला खनन के दौरान निकले मिट्टी-पत्थर) गिराए जा रहे हैं. जिनके नाम से तालाब की बंदोबस्ती की गयी है, उन्होंने इसकी शिकायत हजारीबाग की उपायुक्त और जिला मत्स्य पदाधिकारी से 01 अगस्त 2022 को की, लेकिन दोनों ने चुप्पी साधे रखी. ज्ञात हो कि हजारीबाग जिला मत्स्य विभाग ने 23 जुलाई 2022 को डाड़ी गांव में लबनिया तालाब और मंझली डाड़ी के राजा आहर में मछलीपालन के लिए दिलेश्वर महतो और जगरनाथ महतो के साथ अनुबंध किया था.