रांचीः द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने के साथ ही राजधानी रांची में जश्न का माहौल है. खास कर रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय भाषा विभाग (Tribal Language Department in Ranchi) के विद्यार्थी, शिक्षक और कर्मचारी काफी खुश हैं. उन्होंने कॉलेज परिसर में मांदर और नगाड़ों की थाप पर विभाग के लोगों ने जश्न मनाया.
झारखंड में बतौर राज्यपाल रहते हुए द्रौपदी मुर्मू ने रांची विश्वविद्यालय के लिए बहुत कुछ किया है. खासकर इस विश्वविद्यालय के जनजातीय भाषा विभाग नया रूप उन्होंने ही दिया है. इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के साथ-साथ उन्हीं की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण एक छत के नीचे आज 9 जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई हो रही है. उनके राष्ट्रपति बनने के बाद इस विभाग के विद्यार्थी, शिक्षक और कर्मचारी काफी खुश हैं. इसको लेकर सोमवार को कॉलेज परिसर में विभाग से जुड़े तमाम लोगों ने खुशी के मौके पर जश्न मनाया. मांदर, ढोल और नगाड़ों की थाप पर और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया. इस मौके पर उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी बधाई दी गई है.
इस अवसर पर शिक्षकों ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति (President Draupadi Murmu) बनना खासकर जनजातीय भाषा विभाग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. यहां के शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी काफी प्रसन्न हैं. उन्हें उम्मीद जगी है कि राष्ट्रपति बनने के बाद भी द्रौपदी मुर्मू उतना ही रांची और इस विभाग के लिए समर्पित रहेंगी, जितना राज्यपाल रहते हुए उन्होंने विभाग के लिए अपना समर्पण दिखाया था. यहां बता दें कि राज्यपाल रहते हुए जब उनका काफिला जनजातीय भाषा विभाग के पास से गुजर रहा था तो उन्होंने अपनी गाड़ी रूकवाकर इस विभाग की जर्जर हालत देखकर इसके कायाकल्प करने की ठानी. इसके बाद तत्काल इसको अमलीजामा पहनाते हुए कुलपति समेत तमाम अधिकारियों के साथ विभाग का कायाकल्प करने में अपनी अहम भूमिका निभाई.