जमशेदपुर न्यूज़: जिला प्रशासन ने दशकों बाद आदिवासी की जमीन भू-वापसी वाद के माध्यम से उसे वापस दिला दी. यह जमीन मानगो अंचल के देवघर मौजा की है जो अवध डेंटल कॉलेज से पहले एनएच किनारे अवस्थित है.
इसका खाता नंबर 163, प्लॉट नंबर 190 और रकवा 3765 वर्गफीट है. यह तीन प्लॉट में बंटा था. एक 1820, दूसरा 1000 और तीसरा 945 वर्गफीट का है. इस पर राजेन्द्र प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा और अमीन प्रजापति का कब्जा था. इसमें से दो प्लॉट खाली था जबकि एक पर घर बना था, परंतु कब्जेदार ने पहले ही उसे खाली कर दिया था.
इस पर मूल रैयत को दखल दिलाने के लिए मानगो के अंचलाधिकारी हरिश्चंद्र मुंडा, कार्यपालक दंडाधिकारी जय प्रकाश करमाली, सीआई चक्रधर महतो, एमजीएम थाना की पुलिस वहां पहुंची थी. इस जमीन के मामले में शिड्यूल एरिया रेगुलेशन (एसएआर) कोर्ट (एलआरडीसी) में भू-वापसी वाद 28/2022-23 चला था. सभी कागजातों को देखने के बाद एसएआर कोर्ट ने आदिवासी रैयत के पक्ष में फैसला सुनाया और दखल दिलाने का आदेश पारित किया था. उसी के आलोक में प्रशासन पुलिस के साथ दखल कब्जा दिलाने पहुंचा था.
हालांकि बिना किसी खास विरोध के जमीन पर रैयत को कब्जा दिला दिया गया. खास बात यह है कि जमीन एनएचएआई पहले ही अधिग्रहीत कर चुकी है. अधिग्रहण के दौरान ही यह मामला प्रकाश में आया था.