झारखंड और पड़ोसी राज्यों के बीच बसों का संचालन बेहतर होने जा रहा है। विशेष रूप से झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के सभी महत्वपूर्ण रूटों पर बसें उपलब्ध होने जा रही हैं। वर्तमान के अलावा करीब 140 नए रूटों पर बसों के संचालन की तैयारी है। पिछले दिनों ओडिशा और झारखंड के परिवहन अधिकारियों के बीच वार्ता के दौरान दोनों राज्यों के बीच 124 नए रूटों पर बस संचालन को लेकर सहमति बन गई है।
जल्द ही बिहार के साथ भी बैठक कर परमिट के विषय पर सहमति बनाने की तैयारी की जा रही है। परिवहन विभाग के सचिव केके सोन, संयुक्त परिवहन आयुक्त रवि शंकर विद्यार्थी की हाल में ओडिशा सरकार के परिवहन अधिकारियों के साथ भुवनेश्वर में बैठक हुई। झारखंड-ओडिशा के बीच 124 नए रूटों पर बसों के संचालन को लेकर सैद्धांतिक सहमति बन गई है।
यात्री सुविधा पर भी ध्यान
ओडिशा सरकार की ओर से बैठक की कार्यवाही जारी होने पर रूट परमिट जारी किया जाने लगेगा। जानकारी के अनुसार नए रूटों पर बसों को परमिट शर्तों के साथ दिया जाएगा। यात्री सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाएगा। नए रूटों का चयन झारखंड के गांव को प्रखंड से, प्रखंडों को जिला मुख्यालय से जोड़ते हुए राजधानी और मुख्य शहरों से जोड़ा जा रहा है, ताकि गांव और शहर के बीच बेहतर परिवहन सुविधा उपलब्ध हो सके।
बिहार-ओडिशा वाया झारखंड पर नए सिरे से कवायद
संयुक्त परिवहन आयुक्त रवि शंकर विद्यार्थी ने कहा, बिहार-ओडिशा के बीच वाया झारखंड चलने वाली बसों के रूट पर झारखंड की बसों को भी परमिट देने की कवायद की जा रही है। ओडिशा और बिहार परिवहन की बसें झारखंड के रास्ते से 18 रूटों पर चलती हैं। झारखंड सरकार का मानना है कि इन रूटों पर झारखंड की बसों को भी परमिट मिले। ओडिशा इस पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गया है। जल्द बिहार से वार्ता की जाएगी।
100 से 800 किलोमीटर तक लंबे रूट
झारखंड से ओडिशा के बीच बसों के रूट की लंबाई 100 किलोमीटर से लेकर 800 किलोमीटर तक है। दोनों राज्यों के लगभग हर शहर को बस परिवहन के माध्यम से जोड़ा जाएगा। हालांकि नए रूट्स पर अंतिम मुहर बैठक की कार्यवाही जारी होने पर लगेगी।