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रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन पर शनिवार (26 अगस्त) को योगेंद्र तिवारी अपने साथ तीन बैग लेकर ईडी दफ्तर पहुंचे थे. योगेंद्र तिवारी ने अपना सिर तौलिया से और मुंह मास्क से ढक रखा था. शराब घोटाले मामले में ईडी ने शनिवार (26 अगस्त) को कारोबारी योगेंद्र तिवारी से 8-10 घंटे तक पूछताछ की. ईडी ने पूछताछ में शराब कारोबार में शामिल कंपनियों और उनके खातों में आये करोड़ों रुपये के विषय में भी पूछताछ की. पूछताछ के दौरान ईडी की टीम ने योगेंद्र तिवारी से उसकी कंपनियों से जुड़े कई दस्तावेज़ मांगे. साथ ही योगेंद्र तिवारी के कारोबार, निवेश, ऋण की जानकारी भी मांगी है.
बता दें, ईडी ने शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी से पूछा, कैसे गायब किए दस्तावेज़, जवाब नही देने पर ईडी ने सोमवार (28 अगस्त) को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया है. योगेंद्र तिवारी के भाई अमरेंद्र को भी पूछताछ के लिए शनिवार को अपने दफ्तर में बुलाया था, लेकिन उसने अपने पिता की बीमारी का हवाला देकर ईडी से समय मांगा है. ईडी ने अमरेंद्र तिवारी को मंगलवार को पूछताछ के लिए बुलाया है.
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सूत्रों के मुताबिक, योगेंद्र तिवारी ने साल 2021-22 में शराब के थोक कारोबार का ठेका हासिल किया था. राज्य के 19 जिलों में योगेंद्र से जुड़े लोग ही शराब के थोक व्यापार में शामिल थे. ईडी को जानकारी मिली है कि प्रेम प्रकाश की मिलीभगत से योगेंद्र ने 2021 में शराब के थोक कारोबार का ठेका हासिल किया था. इसके लिए शेल कंपनियां बनाई गईं थीं. इन कंपनियों के पास पहले कोई कैपिटल नहीं था, लेकिन ठेका हासिल करने के लिए उन कंपनियों के खाते में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए थे. ईडी ने अवैध खनन केस में जब पहली बार प्रेम प्रकाश के यहां छापेमारी की थी, तब उसके यहां से शराब कारोबार से जुड़े साक्ष्य मिले थे.
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