झारखंड
सरायकेला में टमाटर 80 रुपये किलो, अन्य सब्जियों की कीमतों में भी होने लगी बढोत्तरी
Renuka Sahu
5 Sep 2022 5:30 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in
इस वर्ष अल्पवृष्टि के कारण सावन महीने के सूखे ने जहां धान की फसल को तबाह कर किसानों को रुलाया पर विगत वर्ष की अपेक्षा हरी सब्जियों की कीमत अगस्त महीने भर काफी कम रही.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस वर्ष अल्पवृष्टि के कारण सावन महीने के सूखे ने जहां धान की फसल को तबाह कर किसानों को रुलाया पर विगत वर्ष की अपेक्षा हरी सब्जियों की कीमत अगस्त महीने भर काफी कम रही. टमाटर सहित औसतन सभी प्रकार के सब्जियों की कीमत प्रति किलो 15 से 25 रुपये के अंदर ही रहीं. इस मंहगाई के दौर में उपभोक्ताओं के बजट को हरी सब्जी की कीमतों ने राहत दे रखी थी.
हरी सब्जियों की कीमत औसतन 25 से 40 रुपये प्रति किलो हुई
सितंबर महीना प्रारम्भ होते ही अचानक टमाटर की कीमत 80 रुपये प्रति किलो हो गयी है. अचानक हुए मूल्य वृद्धि के कारण सब्जी विक्रेता भी अब अपनी दुकानों में कम मात्रा में टमाटर रखने लगे हैं. उन्हें यह भय सताने लगा है कि ऊंची कीमत के कारण बिक्री नहीं होने से उनको स्वयं घाटा न उठानी पड़े. इसी क्रम में अन्य हरी सब्जियों की कीमतों में भी आंशिक बढोत्तरी होने लगी है. मौजूदा समय में सभी प्रकार की हरी सब्जियों की कीमत औसतन 25 से 40 रुपये प्रति किलो हो गयी हैं. सब्जी विक्रेताओं के अनुसार जो ग्राहक एक किलो टमाटर खरीदा करते थे अब वे एक पाव खरीदने लगे हैं.
खेतों में जलजमाव के कारण सब्जी के पौधे गल कर नष्ट हो गए
सब्जी विक्रेताओं की मानें तो विगत दिनों हुए मूसलाधार बारिश के कारण खेतों में हुए जलजमाव के कारण सब्जी के पौधे गल कर नष्ट हो गए हैं. यही कारण है कि टमाटर का उत्पादन ही घट गया है. जब तक नए पौध में उत्पादन नहीं होंगे टमाटर के कीमत में कमी नहीं आएगी. ज्ञात हो कि सिंचाई की व्यवस्था नहीं रहने के कारण सरायकेला क्षेत्र में सब्जियों का उत्पादन नहीं के बराबर होता है. चांडिल, बुंडू, पटमदा एवं बंगाल सीमा क्षेत्र से सब्जियां मंगा कर स्थानीय सब्जी विक्रेता दुकानदारी करते हैं.
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