झारखंड

दुमका में युवाओं को रोजगार देने के लिए झारखंड सरकार ने कल्याण गुरुकुल संस्थान खोला

Shantanu Roy
27 Nov 2021 10:58 AM GMT
दुमका में युवाओं को रोजगार देने के लिए झारखंड सरकार ने कल्याण गुरुकुल संस्थान खोला
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झारखंड सरकार के कल्याण विभाग ने दुमका में 5 वर्ष पहले गरीब और कम पढ़े लिखे युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए कल्याण गुरुकुल नाम से एक संस्थान खोला.

जनता से रिश्ता। झारखंड सरकार के कल्याण विभाग ने दुमका में 5 वर्ष पहले गरीब और कम पढ़े लिखे युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए कल्याण गुरुकुल नाम से एक संस्थान खोला. जिसमें राजमिस्त्री, बार बाइंडिंग, शटरिंग कारपेंटर की ट्रेनिंग दी जाती है. एक कोर्स 45 दिनों का होता है. वर्तमान समय में भी यहां दुमका, पाकुड़, गिरिडीह और जामताड़ा जिले के युवक मुफ्त में प्रशिक्षण ले रहे हैं. ये सभी युवक बहुत गरीब परिवार से आते हैं.

कल्याण गुरुकुल में प्रशिक्षण प्राप्त कर लगभग 1100 युवा देश के अलग-अलग हिस्सों में काम कर रहे हैं. संस्थान के प्रिंसिपल रघुनाथ राय बताते हैं कि यहां से ट्रेंड युवा ज्यादातर कोलकाता, किशनगंज, जगदलपुर, बेंगलुरु और हैदराबाद में कार्यरत हैं. जहां उन्हें उनकी योग्यता के हिसाब से कम से कम 10 हजार से लेकर 30 हजार रुपये वेतन प्रतिमाह मिल रहे हैं. युवाओं को यहां भवन निर्माण से जुड़े कार्य सिखाए जा रहे हैं. इस दौरान उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण तो दिया ही जा रहा है. साथ ही साथ आवश्यक उपकरण को चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाती है. युवाओं को यहां इतना निपुण बना दिया जाता है कि वह एक कामगार ही नहीं बनते, बल्कि उन्हें कंस्ट्रक्शन साइट का सुपरवाइजर भी बना दिया जाता है. प्रशिक्षण प्राप्त करने आए यह सभी युवक काफी मन लगाकर काम सीखते हैं. वर्तमान में कल्याण विभाग ने यहां भवन और कैम्पस उपलब्ध कराया है. जबकि नाबार्ड की ओर से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराया जाता है.
युवाओं को सबसे ज्यादा चिंता रोजगार की होती है. उनके मन में हमेशा यह बात आती है कि कैसे अपने पैरों पर खड़े हो सकें, कैसे आमदनी का रास्ता निकाला जाए. ऐसे में सरकार के द्वारा दुमका में जो आधारभूत संरचना तैयार कर युवाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है और उन्हें रोजगार मिल रहा है. इससे युवाओं में काफी उत्साह है.
संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अधिकांश युवा ऐसे हैं जिनकी पढ़ाई गरीबी की वजह से पूरी नहीं हो सकी. जब उन युवाओं को इस संस्थान का पता चला तो नामांकन कराया और पूरी तन्मयता के साथ काम सीख रहे हैं. सभी को उम्मीद है कि यहां से काम सीख कर हम या तो किसी कंस्ट्रक्शन कंपनी में नौकरी करेंगे या फिर अपना भी काम कर सकते हैं. वो कहते हैं कि अब हमारा भविष्य उज्ज्वल है और हम अपने परिवार का भरण पोषण आसानी से कर सकेंगे.


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