झारखंड

झारखंड में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए जंगल ट्रैकिंग, सफारी, बंबू हट के साथ बुरूडीह डैम से दलमा तक बनेगा सर्किट

Renuka Sahu
13 Feb 2022 4:58 AM GMT
झारखंड में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए जंगल ट्रैकिंग, सफारी, बंबू हट के साथ बुरूडीह डैम से दलमा तक बनेगा सर्किट
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फाइल फोटो 

झारखंड में इको-टूरिज्म को प्रोत्साहित करने के लिए नयी योजनाएं बनाई जा रहीं हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झारखंड में इको-टूरिज्म को प्रोत्साहित करने के लिए नयी योजनाएं बनाई जा रहीं हैं। पूर्वी सिंहभूम के दलमा में जंगल ट्रैकिंग, सफारी, बंबू हट निर्माण के प्रस्ताव पर फोकस करते हुए इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। दलमा-डिमना झील-रंकिणी मंदिर-जुबली पार्क-बुरूडीह डैम को एक सर्किट में जोड़ते हुए पर्यटन विकास एवं सौंदर्यीकरण की दिशा में आवश्यक कदम उठाए गए हैं।

साथ ही बहरागोड़ा, धालभूमगढ़ व घाटशिला को जोड़ते हुए एक और पर्यटक सर्किट बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा। यह जानकारी जमशेदपुर के उपायुक्त सूरज कुमार ने दी है। वे जिला पर्यटन संवर्द्धन समिति की बैठक को समाहणालय सभागार में संबोधित कर रहे थे। इस दौरान जिले में पर्यटन की संभावनाओं, पर्यटन स्थलों के सौंदर्यीकरण तथा आधारभूत संरचना निर्माण को लेकर विमर्श हुआ तथा विधायकों के प्रस्तावों को पारित किया गया। एनजीओ कला मंदिर के संचालक व समिति के सदस्य अमिताभ घोष ने लायलम व ढेंगाम गांव में हेरिटेज टूरिज्म के विकसित करने सुझाव दिया। बैठक में विधायक सरयू राय, रामदास सोरेन, समीर मोहंती, मंगल कालिंदी, मंत्री बन्ना गुप्ता व विधायक संजीव सरदार के विधायक प्रतिनिधि के अलावा बैठक में एडीसी प्रदीप प्रसाद, नोडल पर्यटन पदाधिकारी-सह डीपीआरओ रोहित कुमार, विशेष प्रमंडल और पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता सम्मिलित हुए।
किसने क्या कहा
सरयू राय
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने भुवनेश्वरी मंदिर, श्री कृष्ण मंदिर, हुडको पार्क, घोड़ाबांधा में वन विभाग के पार्क, हुड़को डैम तथा टूरिज्म डिपार्टमेंट की जितनी भी परिसंपत्तियां जिले में हैं, उन सभी के विकास को लेकर विचार रखे। उन्होंने कहा कि रांची के आड्रे हाउस की तर्ज पर स्थानीय कला क्षेत्र से जुड़ी प्रतिभाओं को निखारने के लिए सोन मंडप व टाउन हॉल सक्रिय गतिविधियों के केन्द्र बन सकते हैं। भुवनेश्वरी मंदिर के निचले क्षेत्र को ईको-टूरिज्म विकसित हो सकता है।
रामदास सोरेन
घाटशिला के बुरूडीह डैम, धारागिरी झरना, हेरिटेज विलेज आमाडुबी, सिद्धेश्वरी पहाड़, गालूडीह बराज, काशीदा शिवमंदिर, विभूति बाबू हाउस एवं पांच पांडव शिला का विकास हो।
समीर मोहंती
बहरागोड़ा के गोटशिला मंदिर, पहाड़ी क्षेत्र चाकुलिया, ज्योति पहाड़ी बहरागोड़ा, तुलसीबनी शिवराम आश्रम चाकुलिया, डुंगरी मंदिर पाटपुर बहरागोड़ा, खोड़ीपहाड़ी चाकुलिया, पोंचापानी चाकुलिया, बेंद तेतुल डुंगरी जगधात्री मंदिर चाकुलिया, चित्रेश्वर मंदिर बहरागोड़ा, कान्हाई पहाड़ चाकुलिया जैसे स्थलों का विकास हो।
मंगल कालिंदी
जुगसलाई विधान सभा क्षेत्र के डिमना लेक, दलमा, हाथीखेदा मंदिर (प्राचीन मूर्ति संग्रहालय), छोटाबांकी डैम, मां मंगला मंदिर, हलुदबनी वॉटर फॉल, सीता पार्क व झरना आदि पर्यटक स्थलों काके सौन्दर्यीकरण हो। जमशेदपुर पश्चिम दोमुहानी घाट में वोटिंग एवं वॉकिंग ट्रैक की व्यवस्था, डिमना लेक, भाटिया पार्क, राम मंदिर बिष्टूपुर का सौन्दर्यीकरण हो।
संजीव सरदार
पोटका के मुक्तेश्वर धाम हरिणा मंदिर, कालेश्वर मंदिर कोकदा, पहाड़भांगा, रंकिणी मंदिर जादूगोड़ा आदि धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों का विकास हो।
योजना
● जिले में इको-टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा, सर्किट में डिमना लेक व रंकिणी मंदिर भी होंगे शामिल
● बहरागोड़ा, धालभूमगढ़, घाटशिला को जोड़ते हुए एक और पर्यटक सर्किट बनेगा
वीकेंड टूरिज्म की संभावना
उपायुक्त ने कहा कि जिले में पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं, लेकिन स्थलों की वास्तविक क्षमता का अबतक उपयोग नहीं हो पाया है। ऐसे में समावेशी व्यवस्था के तहत इनका विकास हो तो पर्यटकों को अपनी ओर बरबस ही आकर्षित करेंगे। उन्होंने कहा कि वीकेंड टूरिज्म की भी काफी संभावना है। इसलिए उनका प्रयास है कि वीकेंड डेस्टिनेशन के बड़े हब के रूप में इन स्थानों को विकसित किया जाए।
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