झारखंड
झारखंड की सबसे बड़ी पहाड़ी पूजा में तीन राज्यों के हजारों श्रद्धालु जुटे, अच्छी बारिश, फसल और समृद्धि की प्रार्थना
Bhumika Sahu
2 July 2022 11:19 AM GMT
x
पूजा में तीन राज्यों के हजारों श्रद्धालु जुटे
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पूर्वी सिंहभूम ( East singhhum). झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला में चाकुलिया में स्थित कान्हाईश्वर पहाड़ पर राज्य की सबसे बड़ी पहाड़ पूजा शनिवार, 2 जुलाई को की गई। यहां पूजा करने के लिए झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल और ओडिशा के हजारों भक्तगणों का जन सैलाब उमड़ा। पहाड़ पर चढ़ने के लिए भक्तों की लंबी लाइन देखी गई सभी ने अच्छी बारिश, अच्छी फसल और खुशहाली की दुआ मांगी। भक्तों की मान्यता है कि यहां पूजा के दिन बारिश जरुर होती है। कोरोना के कारण दो वर्षों बाद भव्य तौर पर पहाड़ पूजा की गई। पूजा को लेकर भक्तों में काफी उत्साह देखा गया। पुजारी सहदेव नायक, दुला नायक, गौरंग नायक, जयराम नायक और रविंद्र नायक मंत्रोचारण कर पूजा संपन्न करवाई। हजारों पुरुष और महिला भक्तों ने पहाड़ पर चढ़ पूजा की। बलि भी चढ़ाई।
पुजारियों ने शुरूआत की पूजा की
प्रदेश की जिस सबसे बड़ी पूजा का इंतजार तीन राज्यों के भक्तों को रहता है, उस कान्हाईश्वर पहाड़ की पूजा शनिवार 2 जुलाई को की गई। पुजारी सहदेव नायक, दुला नायक, गौरंग नायक, जयराम नायक और रविंद्र नायक मंत्रोचारण कर पूजा संपन्न करवाई। इसके साथ ही अच्छे मौसम, खुशहाली और अच्छी फसल की दुआ मांगी।
परंपरा के अनुसार गांववालों ने की पूजा
परंपरा के मुताबिक, सबसे पहले पहाड़ के आसपास बसे 12 मौजा के ग्रामीणों ने कान्हाईश्वर बाबा की विधिवत पूजा की। पूजा में जयनगर, भंडारू, विरदह, जोड़ाम, शीशाखुन, बैकुंठपुर, तुलसीबनी, दुआरीशोल, दुबराजपुर, पोचापानी, दुबराजपुर, बिहारीपुर के लोग शामिल हुए। प्रतिवर्ष आषाढ़ महीने के तीसरे शनिवार को यह पूजा की जाती है।
भव्य मेला का हुआ आयोजन
पूजा के दौरान पहाड़ के नीचे मेला का आयोजन किया गया। मेला में तरह-तरह की दुकानें लगाई गई। पूजा के बाद भक्तों ने मेला का आनंद उठाया। बच्चों के लिए खिलौनों के दुकानें भी लगी थी। देर शाम तक यहां भक्तों का आना-जाना लगा रहता है। हर साल असाढ़ महीने की तीसरे शनिवार को विशेष पूजा होती है, जिसमें हजारों की संख्या में लोग आते है। इसलिए विशाल मेला लगाया जाता है।
आसपास के ग्रामीणों को रोजगार भी देता है मेला
पहाड़ पूजा के दौरान आयोजित होने वाले मेला में आसपास के कई ग्रामीण को रोजगार मुहैया करवाता है। पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के लोग भी यहां तरह-तरह की दुकानें लगाते हैं। साथ ही ग्रामीण पार्किंग की व्यवस्था कर अच्छी खासी आमदनी कर लेते हैं।
भक्तों की लगी लंबी- लंबी लाइन
यहां पूजा करने के लिए झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल और ओडिशा के हजारों भक्तगणों का जन सैलाब उमड़ा। पहाड़ पर चढ़ने के लिए भक्तों की लंबी लाइन देखी गई सभी ने अच्छी बारिश, अच्छी फसल और खुशहाली की दुआ मांगी। भक्तों की मान्यता है कि यहां पूजा के दिन बारिश जरुर होती है। कोरोना के कारण दो वर्षों बाद भव्य तौर पर पहाड़ पूजा की गई।
इनके प्रयास से पूजा हुई सफल
कान्हाईश्वर पहाड़ पूजा पूजा को सफल बनाने के लिए आसपास के ग्रामीण पिछले कई दिनों से मेहनत कर रहे थे। पूजा कमेटी के अध्यक्ष सह जयनगर के ग्राम प्रधान सोमाय मांडी के नेतृत्व में सालगेड़िया के ग्राम प्रधान चंपाई मांडी, शिशाखुन के तरूण ग्वाला, दुआरीशोल के ग्राम प्रधान ठाकुरदास बास्के, दुबराजपुर के बैद्यनाथ हांसदा, पोचापानी के राम मांडी,भंडारू के भानु नायक, जोड़ाम के अजित महतो, कियाशोल के झांगाल हेम्ब्रम, बिरदह के फकीर बेरा, बिहारीपुर के कढ़ी सिंह मुंडा आदि ने अहम भूमिका निभाई।
दो वर्षों से सादगी से हो रही थी पूजा
पूजा कमेटी के अध्यक्ष सोमाय मांडी ने बताया कि कोरोना के कारण पिछले दो वर्षों से सादगी से पूजा की जा रही थी। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष आषाढ़ महीने के तीसरे शनिवार को यह पूजा की जाती है। पूजा वर्षों से की जा रही है। पूर्वजों का कहना था कि पहाड़ पूजा करने से अच्छी बारिश और फसल होती है। राज्य में खुशहाली आती है। ग्राम प्रधान के घर में पहले पूजा होती है।
Next Story