झारखंड

विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर झारखंड सरकार रांची में विश्व स्तरीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन

Tara Tandi
8 Aug 2023 12:12 PM GMT
विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर झारखंड सरकार रांची में विश्व स्तरीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन
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विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर झारखंड सरकार रांची में विश्व स्तरीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन कर रही है. रांची के पुराना जेल परिसर यानी बिरसा मुंडा संग्रहालय में 9 और 10 अगस्त को इसका आयोजन होगा. इस आयोजन में देश और दुनिया के आदिवासी कला संस्कृति, खान पान की झलकियां दिखेंगी. यहां पूरा झारखंड जनजातीय वाद्य यंत्रों की धुन पर थिरकेगा. विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम की तैयारियां जोरो शोरो से चल रही है. कार्यक्रम का आयोजन 9 और 10 अगस्त को होना है. जिला प्रशासन इन तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है. दो दिनों होने वाले इस कार्यक्रम में बिरसा मुंडा संग्रहालय में आदिवासी कलाकृतियों का नजारा देखने को मिलेगा. जिसमें झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ के अलावा अरुणांचल प्रदेश, आसाम, ओडिशा और राजस्थानी की जनजातीय समुदाय की परंपरा और संस्कृति की झलकियां देखने को मिलेंगी. साथ ही नागपुरी, सरायकेला छऊ, डोमकच, पायका सहित अन्य नृत्य की प्रस्तुति होगी.
रांची में हो रहा विश्व स्तरीय भव्य कार्यक्रम
झारखंड सरकार के इस विश्व स्तरीय आयोजन में 32 जनजातीय वाद्य यंत्रों का आपको संगम दिखेगा ही. साथ ही असुर, बैंगा, बथुरी, बेदिया, बिंझिया, बिरहोर, बिरजिया, चेरो, चिक बराइक, गोंड सहित सभी जनजातीय समुदायों का समागम भी देखने को मिलेगा. झारखंडी खानपान, परिधान, फैशन शो, आदिवासी व्यंजन के स्टॉल के साथ, विविध जनजातीय सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी दिखेगा. झारखंड आदिवासी महोत्सव 2023 के इस भव्य आयोजन में कला संस्कृति के साथ आदिवासी आन बान शान का गौरवशाली इतिहास और आदिवासी भव्यता भी प्रदर्शित की जाएगी.
आदिवासी कला, संस्कृति और खानपान की दिखेगी झलकियां
विश्व आदिवासी दिवस के इस कार्यक्रम में कुल 72 स्टॉल लगाए जाएंगे. हर स्टॉल में आपको अलग-अलग झलकियां देखने को मिलेंगी. जिला प्रशासन इसके आयोजन को अंतिम रूप देने में जुटा है तो वहीं आवागमन को सुगम बनाए रखने के लिए जिला परिवहन अधिकारी निरीक्षण कर रहे हैं. रांची में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस का आयोजन दो दिनों तक चलेगा. इस आयोजन के जरिए आदिवासी परंपरा उसके खानपान की संस्कृति को विश्व पटल पर दर्शाने की पूरी कोशिश में प्रशासन जुटा है ताकि हमारी आदिवासी परंपरा को विश्व स्तर पर एक नई पहचान मिल सके.

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