जमशेदपुर न्यूज़: शहर और आसपास कचरा निस्तारण प्लांट के लिए जहां भी जमीन चिह्नित होती है, वहां लोग विरोध करने लगते हैं. कचरा डंपिंग के लिए तीन बार जगह बदले गए, लेकिन जहां भी कचरे की डंपिंग की जाती है, वहां विरोध होना शुरू हो जाता है. एक दशक पहले खैरबनी में कचरा डंपिंग स्टेशन और निस्तारण प्लांट का निर्माण शुरू किया गया, लेकिन स्थानीय लोगों के उग्र आंदोलन पर उतारू होने के बाद योजना को स्थगित करना पड़ा.
शहर में पहले बागुनहातु नदी के किनारे कचरा डंप किया जाता था. पीएम आवास की आधारशिला रखने और नदी का अतिक्रमण होने का विरोध शुरू हुआ तो मेरिन ड्राइव में निकायों का कचरा डंप किया जाना लगा. इस बीच एक दशक में गालूडीह और चाकुलिया तक कचरा निस्तारण प्लांट बनाने के लिए जमीन चिह्नित की गई, जैसे ही स्थानीय लोगों को पता चलता, विरोध शुरू हो जाता था. कई सरकारें बदल गईं, लेकिन कचरा निस्तारण प्लांट का विरोध खत्म नहीं हुआ. आखिरकार जिला प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा.
2009 में योजना को मिली थी मंजूरी ठोस कचरा प्रबंधन के लिए ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना को 2009 में मंजूरी मिली थी, लेकिन हर बार कोई कारण से योजना लटकती चली गई. कभी जमीन विवाद तो कभी राशि का एस्टीमेट नहीं बन पाया. आइके वर्ल्ड वाइड कंसल्टेंट एजेंसी ने लगभग 85 करोड़ की लागत से एस्टीमेट तैयार किया. इनमें से लगभग 33.11 करोड़ रुपये 2009 में ही मंजूर हो गए.
इनमें से नौ करोड़ जमशेदपुर अक्षेस को मिले, इनमें केंद्र और राज्य सरकार दोनों का हिस्सा है. पर योजना धरातल पर नहीं उतर पाई.
कचरे के ढेर के कारण महाकालेश्वर घाट जाने पर मुंह ढंकना पड़ता है, क्योंकि पूरे जुगसलाई के कचरे को नगर परिषद वहां एकत्र करती है. व्यवस्था जल्द करनी चाहिए.
सुशील शर्मा, जुगसलाई
प्लांट नहीं बनने के कारण जहां-तहां जमा रहता है कचरा
जमशेदपुर, मानगो, जुगसलाई नगरपालिका तथा आदित्यपुर नगर निगम, परसूडीह, घोड़ाबांधा, छोटागोविंदपुर, गदड़ा, हलुदबनी, सरजमदा की लगभग आठ ग्राम पंचायतों के तीन अधिसूचित क्षेत्र तथा कीताडीह और बागबेड़ा में इलाके के कचरे का निस्तारण खैरबनी ट्रीटमेंट प्लांट में ही करने की योजना है.
नगरपालिका, नगर निगम और जेएनएसी को दो दशक पूर्व ही स्वच्छता को ध्यान में रखकर कचरा निस्तारण और डंपिंग की योजना बना लेनी चाहिए थी.
ज्योति मिश्रा, जुगसलाई
कचरा निस्तारण तो दूर कचरा फेंकने तक की व्यवस्था नहीं है. बागबेड़ा में जहां-तहां कचरे का ढेर लगा रहता है.
पूजा कुमारी, बागबेड़ा
कचरे से क्षेत्र को मुक्त कराने के लिए नगर निकाय एवं अक्षेस को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, बीमारी का खतरा बना रहता है.
संतोष कुंवर, मानगो