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मनोहरपुर सेल की चिरिया माइंस के 452 मजदूरों पर लटकी छंटनी की तलवार
Chakradharpur : मनोहरपुर की सेल चिरिया माइंस के 452 मजदूर 19 जुलाई से बेरोजगार हो जायेंगे. इस पर सेल प्रबंधक के साथ ही प्रशासन भी है. जानकारी अनुसार मनोहरपुर में सेल द्वारा संचालित चिरिया माइंस के 452 ठेका मजदूरों की छंटनी के मामले को लेकर यूनियन नेताओं के साथ इसके विरोध में मनोहरपुर सर्गिडिह व बारोड़ी में मजदूरों की बैठक हुई. इसमें झारखंड मजदूर संघर्ष संघ, भारतीय मजदूर संघ और क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ के नेता की मौजूदगी में यह बैठक संपन्न हुई.
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि मनोहरपुर विधायक सह झारखंड की महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा मांझी के नेतृत्व में श्रमिकों की छंटनी के विरोध में आगे आंदोलन होगा. 19 जुलाई को जोबा मांझी के नेतृत्व में चिरिया सेल मुख्यालय का घेराव होगा. इसमें सभी ठेका श्रमिक व नेता शामिल होंगे.
कंपनी ने छंटनी को लेकर मजदूरों को थमाया नोटिस
बता दें कि 19 जुलाई से 452 ठेका मजदूरों को काम से बैठा दिया जायेगा. इसको लेकर कंपनी द्वारा मजदूरों को नोटिस भी थमाया गया है. जबकि विगत 20 जून को श्रम मंत्रालय नयी दिल्ली के समक्ष सेल के मजदूर यूनियन ने इस मामले में अपना पक्ष रखा था, लेकिन डीजीएमएस सेल की गाइडलाइन पर चिरिया स्थित लौह अयस्क खदान से ट्रांसपोर्टिंग के लिये उक्त सड़क को असुरक्षित बताते हुए मजदूरों की छंटनी पर मुहर लगा दी गयी हैं. जिस कारण से 452 मजदूर 19 जुलाई से बेरोजगार हो जायेंगे. साथ ही उनके परिवार के भरण-पोषण की समस्या खड़ी हो जायेगी.
ठेकेदार व कंपनी की मिलीभगत से मजदूर हो रहे बेरोजगार: रामा पांडेय
झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के अध्यक्ष रामा पांडेय ने कहा कि मनोहरपुर सेल चिरिया एवं ठेका कंपनी एनएसपीएल प्राइवेट लिमिटेड प्रबंधन की मिलीभगत से ठेका मजदूरों की छंटनी की जा रही है. गरीबों के मुंह से निवाला छिनने का काम हो रहा है. इसलिए मजदूर अब आरपार की लड़ाई लड़कर अपना हक और अधिकार लेंगे. जिसकी जवाब देही सेल और ठेका कंपनी होगी. आगे कहा कि जिन सड़क को लेकर मजदूरों की छंटनी किया गया, वह सड़क 2 करोड़ की लागत से बनी है, फिर भी मजदूरों की छंटनी किया जा रहा हैं. इसमें पूरी तरह एक साजिश के तरह मजदूरों को हटाकर ठेका कंपनी मशीनी गिरी अपनाने जा रही है. उन्होंने कहा कि जिस सड़क का निर्माण हुआ, उसमें भी अनियमितता है. इसमें माइंस के मजदूर को सड़क कार्य में लगाया गया है. जबकि नियम यह नहीं है. यही नहीं, जिस रोड का निर्माण ठेका कंपनी सहयोग से विनय पसारी द्वारा कराया गया, उसमें दो सीएलसी भी निकाला गया. इसमें एक माइंस के मजदूर और दूसरा सड़क के नाम पर एक ही मजदूर का नाम पर दो सीएलसी निकालकर पैसा का बंदरबांट किया गया. जो जांच का विषय है.
Rani Sahu
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