झारखंड

राज्य सरकार लिखित में दे कि मरांग बुरु आदिवासियों का है, 18 मार्च रांची में भी सम्मेलन किया जाएगा

Admin Delhi 1
10 Feb 2023 6:54 AM GMT
राज्य सरकार लिखित में दे कि मरांग बुरु आदिवासियों का है, 18 मार्च रांची में भी सम्मेलन किया जाएगा
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राँची न्यूज़: झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा है कि मरांग बुरु आदिवासियों का पहाड़ है. यह सरकार को लिखित में देना चाहिए. यदि लिखित में नहीं देती है, तो सामाजिक व्यवस्था की अगुवाई में पूरे राज्य व पड़ोसी राज्य में आदिवासियों के यूनाइटेड फोरम के साथ मिलकर चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा. लोबिन अपने विधायक आवास पर पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे.

लोबिन ने कहा कि 21-22 फरवरी को मरांग बुरु में पूजा होगी, जिसमें बलि के साथ हड़िया के रूप में तपावन दी जाएगी. इसके साथ 13-14 मार्च को विधानसभा के समक्ष धरना दिया जाएगा और 15 मार्च को विधानसभा घेराव किया जाएगा. लोबिन ने कहा कि हजारीबाग में चार मार्च को उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा.

18 मार्च रांची में भी गलत तरीके से भूमि हस्तांतरण से भू-वापसी के लिए सम्मेलन किया जाएगा. यह भी जानकारी दी गई कि 24 फरवरी को बुलाए गए झारखंड बंद को रामगढ़ उपचुनाव के कारण वापस ले लिया गया है.

मौके पर संताल परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष नरेश मुर्मू, अखिल भारतीय परिसंघ के अध्यक्ष एलएम उरांव, आंदोलनकारी मोर्चा के राजू महतो, रंजीत उरांव, बाबू भाई, निरंजना हेरेंज समेत अन्य मौजूद थे.

स्थानीयता नीति वापसी के लिए महाधिवक्ता जिम्मेवार: लोबिन ने कहा कि झारखंड सरकार की स्थानीय नियोजन नीति के वापस होने के लिए पूरी तरह से महाधिवक्ता जिम्मेवार हैं. इसलिए महाधिवक्ता राजीव रंजन को हटा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार के पक्ष में नियोजन नीति के संदर्भ और न्यायालय व राज्यपाल के समक्ष जो बातें रखनी चाहिए थी, वह महाधिवक्ता ने नहीं रखी. लोबिन ने राजीव रंजन की जगह किसी ईमानदार और सक्षम व्यक्ति को महाधिवक्ता बनाए जाने की मांग की.

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