झारखंड

गर्भवती को बांस के सहारे पार कराई नदी, अस्पताल पहुंचने से पहले पेट में बच्चे की मौत

Renuka Sahu
20 Aug 2022 6:14 AM GMT
The river got the pregnant crossed with the help of bamboo, the child died in the stomach before reaching the hospital
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फाइल फोटो 

रांची के तोरपा की बनई नदी में पुल नहीं होने से समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सकी एक गर्भवती का बच्चा उसके पेट में ही मर गया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रांची के तोरपा की बनई नदी में पुल नहीं होने से समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सकी एक गर्भवती का बच्चा उसके पेट में ही मर गया। घटना शुक्रवार सुबह की है। प्रखंड की फटका पंचायत के फडिंगा गांव के दानियल तोपनो की पत्नी बर्नादित तोपनो को गुरुवार की शाम प्रसव पीड़ा हुई। जर्जर सड़क और नदी पर पुल नहीं होने से परिजन सुबह होने का इंतजार करते रहे। सुबह 108 एंबुलेंस के चालक को फोन कर बुलाया गया।

गांव की सड़क जर्जर होने के कारण एंबुलेंस चालक ढाई किमी पहले रुक गया। उस तक पहुंचने के लिए परिजनों ने गर्भवती को प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठाया। उसके बाद बांस के सहारे टांगकर महिला को कमर भर पानी से होकर नदी पार कराया गया। किसी तरह परिजन एंबुलेंस तक पहुंचे और महिला को तोरपा के रेफरल अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया। महिला चिकित्सक डॉ दीप्ति नूतन ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्चे की मौत हो गई थी। यह सुनते ही परिजन रोने बिलखने लगे।
बनई नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं ग्रामीण
प्रखंड के सुदूरवर्ती फडिंगा गांव के लोग लंबे समय से पुल की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि फटका और फडिंगा के बीच बहने वाली बनई नदी पर आजादी के बाद से अब तक पुल नहीं बना है। वहीं लगभग 80 घरों का यह गांव चारों तरफ से नदी, पहाड़ और घने जंगलों से घिरा है। गर्मी में तो किसी तरह लोग नदी पारकर आना-जाना कर लेते हैं। मानसून में यह नदी भर जाती है। तब साल के चार महीने यह गांव टापू बनकर दुनिया से कट जाता है।
लोग बरसात भर गांव से बाहर नहीं निकल पाते हैं। बेहद जरूरी होने पर नदी पार कर जाना पड़ता है। बीमारों को इसी तरह बांस के सहारे नदी पार कराया जाता है। नदी पर पुल बनाने की ओर न तो प्रशासन का ध्यान है और न ही जनप्रतिनिधियों का।
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