झारखंड

वैकेंसी भरने में हो रही परेशानी गुमला में नहीं बन रहा जाति

Admin4
28 Sep 2022 4:12 PM GMT
वैकेंसी भरने में हो रही परेशानी गुमला में नहीं बन रहा जाति
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झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षक बहाली के लिए वैकेंसी निकाली गयी है. जिले से काफी संख्या में अभ्यर्थी वैकेंसी भरने की तैयारी में हैं. परंतु जाति, आय व आवासीय जैसे प्रमाण पत्रों के अभाव में अभ्यर्थियों को वैकेंसी भरने में परेशानी हो रही है. जिन लोगों का जाति, आय व आवासीय प्रमाण पत्र बना हुआ है. वे लोग वैकेंसी भर लिये हैं. परंतु जिन लोगों के पास उपरोक्त प्रमाण पत्रों का अभाव है.

वे लोग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अंचल कार्यालय का चक्कर लगाने को विवश हैं. इसके बावजूद उनलोगों का प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है. राजस्व कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण जाति, आय व आवासीय प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है. सदर प्रखंड अंतर्गत खोरा गांव की पूनम कुमारी ने बताया कि वेकेंसी के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया जारी है. सात अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

परंतु जाति, आय व आवासीय प्रमाण पत्र के अभाव में अभी तक आवेदन नहीं कर सके हैं. यह समस्या सिर्फ गुमला जिला की नहीं, बल्कि पूरे झारखंड राज्य की है. कर्मचारियों की हड़ताल के कारण प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है. ऐसे में अधिकांश लोग वेकेंसी भी नहीं भर पायेंगे.

हड़ताल में कर्मचारी, ताश खेल काट रहे समय :

गुमला. एक दौर ऐसा था. जब बड़े-बड़े नेता, आम व्यक्ति या किसी सरकारी कार्यालय के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहते थे. वे हड़ताल में बैठकर अपनी बातों व मांगों को रखते थे. परंतु समय के साथ लोगों का ट्रेंड बदल रहा है. ऐसा ही नजारा मंगलवार को कचहरी परिसर में देखने को मिला.

झारखंड राज्य भूमि सुधार राजस्व कर्मचारी संघ के बैनर तले 11 सूत्री मांगों को लेकर गुमला जिले के लगभग 60 राजस्व कर्मचारी विगत 19 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. जहां कर्मचारी हड़ताल के नाम पर सभी सरकारी कार्यों को छोड़कर ताश के पत्ते खेलते हुए देखे गये. वो भी प्रशासन के नाक के नीचे बिना खौफ के. बतातें चलें कि कर्मचारी जिस स्थान पर हड़ताल के नाम पर ताश का पत्ता खेल रहे हैं. उसी स्थान पर पुलिस कंट्रोल रूम, एसडीओ कार्यालय, कोर्ट समेत अन्य वरीय पदाधिकारियों का कार्यालय है. परंतु कर्मचारियों को किसी का खौफ नहीं है.

न्यूज़ क्रेडिट: prabhatkhabar

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