झारखंड : झारखंड के चतरा जिले के लावालौंग प्रखंड क्षेत्र के नौडीहा-गरहे जंगल में मुठभेड़ के दौरान पांच माओवादियों को ढेर कर देने के अभियान के पीछे पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन के उस सूचना तंत्र का ही कमाल है, जिसका जाल उन्होंने जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में काफी गोपनीय तरीके से फैला रखा है। इस बात की पुष्टि उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के पुलिस उपमहानिरीक्षक नरेंद्र कुमार सिंह ने भी की है।
पुलिस उपमहानिरीक्षक ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए स्पष्ट रूप से बताया है कि लावालौंग के नौडीहा जंगल में माओवादियों के आगमन की सूचना पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन को प्राप्त हुई थी। इसी सूचना के आधार पर माओवादियों को घेरने की रणनीति बनाई गई। इस रणनीति में कोबरा बटालियन के जवानों के साथ चतरा एवं पलामू जिला के पुलिस बल को भी शामिल किया गया।
रणनीति इतनी सटीक थी कि नक्सलियों को खुद के घेरे जाने की भनक तक नहीं लगी। जब तक नक्सली कुछ समझ पाते तब तक पुलिस की गोली ने उनकी छाती को छलनी कर दिया। पुलिस उपमहानिरीक्षक ने यह भी बताया है कि मारे गए पांचों नक्सलियों के ऊपर साठ लाख का इनाम था। इनामी राशि अभियान में शामिल कोबरा तथा पुलिस के जवानों के बीच वितरित की जाएगी। इसके अलावा कोबरा तथा पुलिस के जवानों को सम्मानित भी किया जाएगा।