झारखंड
झारखंड से जुडी है सीडीएस रावत की यादें, शहीद अलबर्ट एक्का के गांव को दिया था वीरभूमि का दर्जा, युवाओं से की थी ये अपील
Renuka Sahu
9 Dec 2021 5:14 AM GMT
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फाइल फोटो
हेलीकॉप्टर क्रैश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत व पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 सैन्य अधिकारियों की मौत की खबर से पूरा गुमला मर्माहत है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हेलीकॉप्टर क्रैश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत व पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 सैन्य अधिकारियों की मौत की खबर से पूरा गुमला मर्माहत है। घटना के बाद गुमलावसियों के जहन में जनरल रावत की गुमला यात्रा ताजा हो गई। चार जनवरी 2019 को तब आर्मी चीफ रहे जनरल बिपिन रावत सपत्नीक गुमला के चैनपुर पहुंचे थे। इस दौरान वे रिटायर्ड फौजी, वीरांगना व सेवा के दौरान दिव्यांग हुए पूर्व सैनिकों से मिले थे।
चैनपुर में आयोजित वेटरन रैली में उन्होंने 18 वीरांगनाओं, चार दिव्यांग पूर्व सैनिक के अलावा परमवीर अलबर्ट एक्का की पत्नी स्व. बलमदीना एक्का को सम्मानित किया था। वेटरन रैली में उन्होंने परमवीर अलबर्ट एक्का के परिवार पर पूरे देश को गर्व होने की बात कही थी और एक्का के पैतृक गांव जारी को वीरभूमि का दर्जा भी दिया था। साथ ही झारखंड के इस क्षेत्र के लोगों के सेना से लगाव व सेवा में समर्पण को सलाम किया था।
युवाओं से सेना में भर्ती होने की अपील की थी
जनरल रावत ने इस दौरान युवाओं और पूर्व सैनिक व वीर नारियों से अपने बच्चों को सेना में भेजने की अपील की थी। कहा था कि गुमला की भूमि वीरों से भरी है। इसलिए यहां के युवक जितना अधिक हो सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करें। अपने संबोधन में जनरल रावत ने कहा था कि आओ झुककर उन्हें सलाम करें, जिनके हिस्से में ये मुकाम आया है। खुशनसीब होते हैं, वे सैनिक जिनका खून देश के काम आता है। जनरल रावत ने गुमला के चैनपुर आगमन के बाद वापस जाते-जाते कहा था कि मैं अपना दिल छोड़कर जा रहा हूं और झारखंडवासियों की यादें साथ लेते जा रहा हूं।
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