झारखंड

शिक्षकों से आवास और परिवहन भत्ता के नाम पर वसूली का मामला गरमाया, बढ़ सकती है बीईईओ कानन पात्र की मुश्किलें

Gulabi Jagat
26 July 2022 2:38 PM GMT
शिक्षकों से आवास और परिवहन भत्ता के नाम पर वसूली का मामला गरमाया, बढ़ सकती है बीईईओ कानन पात्र की मुश्किलें
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सरायकेला – खरसावां ज‍िले के गम्हरिया वन के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीईईओ) कानन कुमार पात्र का चतरा जिले के हंटरंग में तबादला हो गया है. बावजूद इसके उनके कथ‍ित कारनामों की न सिर्फ चर्चा हो रही है, बल्कि प्राथमिक शिक्षक संघ भ्रष्टाचार और अनयिमितता से जुडे़ कई मामलों में उन्हें बख्शने के मूड में नहीं है. खासकर, रिटायर शिक्षकों से आवास और परिवहन भत्ता के नाम पर वसूली के मामले के अलावा शिक्षकों के हक और अधिकार से खिलवाड़ के कई मामलो में संघ के पदाधिकारियों ने कानन पात्र पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इसे लेकर संघ के पदाधिकारी चंद्रमोहन चौधरी ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सरायकेला-खरसावां जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय से कई जानकारियां मांगी है. उसमें इस मामले सूचना उपलब्ध कराने की मांग की गई है कि प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, गम्हरिया के पत्रांक जी-01/2019-26-संख्या-276 के आदेशानुसार वित्तीय वर्ष-2019-20/20202-21 में सेवानिवृत होनेवाले कितने शिक्षकों से आवास व परिवहन भत्ता की वसूली की गई एवं कितने सेवानिवृत शिक्षकों से वसूली नहीं की गई है. इसकी सूची उपलब्ध कराई जाए. इसके अलावा भी अन्य कई मामलो में जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय से सूचना मांगी गई है.
बता दें कि कानन कुमार पात्र के चतरा जिले में तबादले के पीछे शिक्षकों के बीच दबी जुबान जो चर्चा हो रही है उसमें यही कहा जा रहा है कि पिछले दिनों ही अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के सरायकेला-खरसावां जिले के पदाधिकारी चंद्रमोहन चौधरी ने ही शिक्षा मंत्री से मिलकर कानन कुमार पात्र के कारनामों की शिकायत की थी. वैसे कानन कुमार पात्र को तबादले की भनक तो पहले ही लग गई थी, लेकिन अपनी पहुंच और पैरवी के बल पर जमशेदपुर और आस-पास के क्षेत्र में ही वे अपना तबादला चाहते थे. फिर भी उनका चतरा जिले में तबादला होने के बाद माना जा रहा है कि उनके खिलाफ शिक्षक संघ की शिकायतों को विभाग ने गंभीरता से लिया है. इधर संघ के पदाधिकारियों का मानना है कि आदिवासी शिक्षिका राधी पूर्ती को प्रताड़ित करने के मामले में वरीय अधिकारियों से शिकायत के बाद भी अब तक कानन कुमार पात्र पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. संघ के पदाधिकारी एकबार फिर इस मामले को उठाने की तैयारी में है. इससे संघ का उनके प्रति रुख समझा जा सकता है.
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